खैरागढ़-छुईखदान-गंडई

बंदियों को अधिकारों से कराया अवगत
19-May-2024 7:22 PM
बंदियों को अधिकारों से कराया अवगत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

खैरागढ़, 19 मई। सुषमा सावंत अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव व सचिव हेमंत कुमार रात्रे और जेएमएफसी गुरु प्रसाद देवांगन द्वारा उप जेल खैरागढ़ का निरीक्षण शनिवार को किया गया ।

जहां जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुषमा सावंत द्वारा उप जेल में रह रहे  विचाराधीन बंदियों को संबोधित करते हुए नि:शुल्क एवं सक्षम विधिक सहायता के संबंध में बताया कि जो विचाराधीन बंदी अपने वेयर से अधिवक्ता नियुक्त करने में समर्थ नहीं हैं वह अपना एक आवेदन ताल्लुक विधिक सेवा समिति में द्वारा  जेल अधीक्षक के माध्यम से समिति में अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं जहां से आप को आप के केस में पैरवी करने हेतु अधिवक्ता नि:शुल्क नियुक्त किया जाता है

आगे डालसा सचिव हेमंत कुमार रात्रे ने विचाराधीन बंदियों के अधिकारों के बारे में बताया कि कानून के मुताबिक किसी भी शख्स को तब तक गुनाहगार नहीं माना जा सकता, जब तक कि कोर्ट आरोपी को दोषी नहीं मानता। जब भी किसी शख्स के खिलाफ कोई आरोप लगाया जाता है तो वह आरोपी होता है और जब उक्त शख्स का केस अदालत के सामने आता है तब उसका यह संवैधानिक अधिकार है कि उसे अपने बचाव का मौका मिले।

आगे जेएमएफसी गुरु प्रसाद देवांगन ने प्ली बारगेनिंग के संबंध में  बताया गया कि किसी व्यक्ति द्वारा किया गया ऐसा अपराध जिसकी सजा 7 साल या उससे कम है या अभियुक्त ने पहली बार अपराध किया है वह अपनी सजा कम करने के लिए मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन कर सजा में सौदेबाजी कर सकता है. छोटे अपराधों में पीडि़त और अभियुक्त आपसी सामंजस्य से सौदेबाजी कर सकते हैं।अगर कोई आरोपी अपनी गलती स्वीकार करता है तो उसे कम सजा दी जाती है. लेकिन प्ली बारगेनिंग का लाभ किसी भी विचाराधीन आरोपी को एक बार ही मिल सकता है।

आगे डीजे श्रीमती सावंत द्वारा विचाराधीन बंदियों का हालचाल पूछा गया, उनके स्वास्थ्य के बारे में भी जाना गया साथ ही उनकी समस्याओं को भी सुना गया और  बंदी बैरक, पाकशाला, वीसी कक्ष का निरीक्षण किया गया! 

उक्त निरीक्षण के दौरान जेल अधीक्षक  योगेश कुमार बंजारे, शिशुपाल ठाकुर ,पीएलवी गोलूदास साहू, एवं सिपाही प्रेम सागर साहू, यशवंत नायक, सुभाष बोई ,यशवंत झरिया, प्रमोद कौशिक और विचाराधीनबंदी उपस्थित थे।


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