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देवपुरा पंचायत में लाखों के फर्जीवाड़ा का आरोप
10-Feb-2023 3:04 PM
देवपुरा पंचायत में लाखों के फर्जीवाड़ा का आरोप

सूचना के अधिकार से खुलासा, संभागायुक्त ने दिए जांच के आदेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गंडई, 10 फरवरी।
ग्राम पंचायत देवपुरा में लाखों का फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। सूचना के अधिकार के तहत ग्रामीण ने जानकारी निकाली, वहीं दुर्ग संभागायुक्त ने इस मामले में जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार देवपुरा पंचायत निवासी चुम्मन वैष्णव ने सूचना के अधिकार में जानकारी निकाली। जिसमें 14 लाख से अधिक का फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है। वहीं श्री वैष्णव और ग्रामीणों ने पंचायत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।  इसके अलावा दुर्ग संभागायुक्त, गंडई एसडीएम, केसीजी कलेक्टर, राजनांदगांव जिला पंचायत, छुईखदान जनपद पंचायत से लिखित में जांच की मांग की।

इस संबंध में एसडीएम रेणुका रात्रे से ‘छत्तीसगढ़’ द्वारा मोबाइल पर पूछने पर उन्होंने बताया कि जांच के लिए जनपद को आदेशित कर दिया है। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं मामले पर  दुर्ग संभाग आयुक्त महादेव कावरे ने 3 फरवरी को केसीजी कलेक्टर को जांच के लिए आदेशित किया।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सूचना के अधिकार से मिली जानकारी और लाखों का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद ग्राम पंचयत देवपुरा में पंचायत के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। साथ ही फर्जीवाड़ा पर जांच के लिए दुर्ग आयुक्त, गंडई एसडीएम, केसीजी कलेक्टर, जिला पंचायत राजनादगांव, जनपद पंचायत छुईखदान से लिखित शिकायत करते जांच की मांग और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत देवपुरा निवासी चुम्मन वैष्णव ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। जिसमें जानकारी मिलने के बाद पूरी जानकारी की अवलोकन ग्रामीणों और पंचों के साथ किया। जिसमें पाया गया कि ग्राम पंचायत देवपुरा के सरपंच-सचिव द्वारा 14 लाख 62 हजार की फर्जी बिल लगाकर शासन को चूना लगाया गया है। जिसमें अधिकांश बिल बिना पंचायत प्रस्ताव का है। बहुत से बिल फर्जी हैं। कुछ बिलों में दिनांक ही नहीं अंकित किया गया। गांव में खेल मैदान ही नहीं है और उसमें समतलीकरण का बिल लगाया गया है।

नाली का निर्माण ही नहीं किया गया है और बिल लगाया गया है। तालाब के पास गांव के पानी के निकासी के लिए दो पाइप लगाया गया था। जिसमें 26 घंटे तक जेसीबी में काम करवाने का बिल लगाया गया था। गांव के अंतर्गत आने वाले 5 हैंडपंप मरम्मत और नए सामान के नाम पर हजारों रुपए खर्च किए गए। जबकि 3 हैंडपंप खराब है। खराब हैंडपंप के सामने सोख्ता बनाया गया। जबकि चालू हैंडपंप में गंदगी पसरा है। इसी प्रकार और भी फर्जीवाड़े सामने आया है।  ग्रामीणों ने बताया है कि जांच के बाद बहुत से नए फर्जीवाड़ा का और खुलासा होगा।

मामले पर ग्रामीणों द्वारा आयुक्त के पास लिखित शिकायत करने के बाद दुर्ग आयुक्त ने केसीजी कलेक्टर  को 3 फरवरी को मामले पर जांच के लिए लिखित आदेश जारी किए हैं और आदेश में बताया गया है कि मामले पर जांच कर जांच प्रतिवेदन के साथ सूचित करें। उम्मीद जताया जा रहा है कि जल्द ही मामले पर जांच होगी और दूध का दूध और पानी का पानी होगा।देवपुरा ग्राम पंचायत सचिव राजू जंघेल ने कहा कि जो काम हुआ है, उसका बिल लगाया गया है। जनपद सीईओ जेएस राजपूत ने कहा कि शिकायत प्राप्त हुआ है।  टीम गठन कर जल्द ही जांच करवाया जाएगा।
वार्ड नं. 3 के पंच गजाधर प्रसाद शर्मा ने कहा कि पाईप लगाने में ज्यादा से ज्यादा 2 से 3 घंटे लगना चाहिए, 26 घंटे का बिल लगया जाना सरपंच और सचिव द्वारा फर्जीवाड़ा किए जाने का सीधा मामला है।

सूचना के अधिकार से जानकारी लेने वाले चुम्मन वैष्णव का कहना है कि 2018 से 2022 का जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगा गया था, परन्तु जानकारी केवल 2022 और 2021 का दिया गया है। जिसमें 14 लाख से अधिक का फर्जीवाड़ा सामने आया है। मामले पर उच्च अधिकारियों को ग्रामीणों और पंचों के साथ मिलकर लिखित शिकायत करते जांच की मांग की है। आयुक्त से जांच के लिए आदेश भी जारी हुआ है।
 


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