कवर्धा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला, 13 अक्टूबर। पंडरिया विकासखंड के कामठी में हुए विवाद को लेकर सोमवार को गोंडवाना समाज व भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के तहत कलेक्टर कार्यालय का घेराव और मुख्यमंत्री व गृह मंत्री का पुतला दहन प्रस्तावित था।
प्रशासनिक तैयारी और आरोप
प्रदर्शन की पूर्व सूचना प्रशासन को दी गई थी। इसके मद्देनजऱ जिला मुख्यालय और चारों ब्लॉकों में व्यापक बैरिकेडिंग की गई। समाज के नेताओं का आरोप है कि यह कदम आंदोलन को कमजोर करने और प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए उठाया गया, जिसके चलते अपेक्षाकृत कम लोग ही जिला मुख्यालय तक पहुंच पाए।
आदिवासी समाज की प्रमुख मांगे
समाज के नेता जे. लिंगो ने बताया कि प्रदर्शन के माध्यम से चार मुद्दे उठाए गए-1. कामठी (प्रतापगढ़) में प्रशासन द्वारा की गई कथित एकतरफा कार्रवाई का विरोध। 2. भोरमदेव मंदिर में आदिवासी समाज के अधिकार की मांग। 3. कवर्धा की आदिवासी युवती से दुष्कर्म प्रकरण में मुआवजा और त्वरित न्याय की मांग। 4. बेमेतरा छात्रा दुष्कर्म मामले और 10 शिक्षकों के स्थानांतरण का विरोध।
श्री लिंगो ने कहा कि कामठी में झंडा तोडऩे और दीवार क्षति करने वालों पर कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि पूजा करने वाले आदिवासी समाज के लोगों पर ही पुलिस कार्रवाई हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की सख्ती और भारी बैरिकेडिंग से आमजन में भय का माहौल बना और यह सब स्थानीय विधायक व गृह मंत्री के दबाव में किया गया।
उन्होंने कहा-हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण था, लेकिन लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाने का प्रयास किया गया है। जनता सब देख रही है और समय आने पर जवाब देगी।


