कवर्धा

रानी दहरा जलप्रपात में तेज बारिश से तीन हादसे, एक की मौत, एक लापता
20-Jul-2025 8:43 PM
रानी दहरा जलप्रपात में तेज बारिश से तीन हादसे, एक की मौत, एक लापता

एक को ग्रामीणों ने बचाया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बोड़ला, 20 जुलाई । रविवार को कबीरधाम जिले के  रानी दहरा जलप्रपात में 3 हादसे हुए। दोपहर बाद अचानक हुई तेज बारिश से झरने का जलस्तर बढ़ गया और एक की मौत हो गई, एक लापता है, वहीं एक को काफी दूर बहने के बाद  ग्रामीणों ने बचाया।

पहला हादसा : बाइक समेत बहा युवक, मौत

मुंगेली निवासी नरेंद्रपाल पिता औतार सिंह झरने के पुल से बाइक समेत बह गया। उनका शव झरने से करीब 3 किलोमीटर दूर बरामद हुआ। साथ में बाइक पर सवार दूसरा युवक घायल हुआ, जिसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बोड़ला में  लाया गया है।

दूसरा हादसा : बेमेतरा का युवक बचा

दूसरी घटना में बेमेतरा जिले का लेखराज पिता जगदीश कुमार ग्राम ललतारा से अपने 10- 20 साथियों के साथ में आए थे, वह भी भी पानी में बह गया था। काफी दूर बहने के बाद रानी दहरा के ग्रामीण जो कि खेत में काम कर रहे थे, उन्होंने उसे बचाया और 108 की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई है।इस मामले में स्थानीय ग्रामीणों नरेंद्र  उप सरपंच व अन्य युवा लोगों ने बहादुरी दिखाते हुए उन्हें बचाया।

तीसरा हादसा: 30 सदस्यीय टीम का एक युवक लापता

मुंगेली से रानी दहरा घूमने 30 लोगों का ग्रुप आया था, आज सवेरे से ही यह लोग झरना के नीचे नदी किनारे खाना बना रहे थे। इस दौरान इनके साथ  का युवक सृजन पाठक झरने के ऊपरी हिस्से में घूमने गया था, उसके बाद अचानक तेज बारिश हुई और झरना से तेज पानी आया, नीचे नदी में भी तेज पानी आया। कई लोग बैठे-बैठे बचे, इसी घटनाक्रम में सृजन पाठक लापता हो गया।

उनके दोस्तों ने बताया कि वह ऊपर वाले झरने की ओर जा रहे थे, इसके बाद से उनका कोई पता नहीं चला।

पुलिस व एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू में जुटी

हादसे की खबर मिलते ही बोड़ला टीआई राजेश चंड पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।

एनडीआरएफ की टीम भी रेस्क्यू अभियान में लगी है, लेकिन शाम होने और पानी का बहाव तेज होने से तलाशी में कठिनाई आ रही है।

प्रशासन ने पर्यटकों को चेताया

बरसात में रानी दहरा का जलस्तर अचानक बढ़ जाता है और रास्ते फिसलन भरे हो जाते हैं। प्रशासन ने पर्यटकों से फिलहाल झरने के पास न जाने की अपील की है।

सावधानी- मौसम खराब होने पर झरनों के पास न जाएं, पुल व पथरीले किनारों पर खड़े होने से बचें।


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