कवर्धा

मुआवजा विवाद के चलते एनएच किनारे विकास कार्य ठप, ग्रामीणों ने लगाई गुहार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला, 9 जुलाई। कबीरधाम जिले के बोड़ला ब्लॉक मुख्यालय से लगभग 2 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) किनारे बसे ग्राम मुडिय़ापारा में बीते पांच वर्षों से नाली निर्माण अधूरा पड़ा है। करीब 150 मीटर क्षेत्र में नाली न बनने के कारण बरसात में मोहल्ले के लोग गंदगी, जलभराव और बीमारियों से जूझ रहे हैं।
इस समस्या का मुख्य कारण एक तरफा मुआवज़ा भुगतान को लेकर कोर्ट द्वारा लगाया गया स्टे आदेश है, जिसके कारण एनएच विभाग निर्माण कार्य शुरू नहीं कर पा रहा है।
एनएच इंजीनियर से संपर्क के अनुसार, निर्माण में कोई तकनीकी बाधा नहीं है, लेकिन विवादित भूमि पर न्यायालय का स्थगन आदेश होने के कारण विभाग हाथ बांधे खड़ा है।
स्थानीय ग्रामीण जलेश रात्रे, रामेश्वर लहरे, अरतु यादव, मुन्ना यादव ने बताया कि नाली न बनने से बरसात के दिनों में रास्ता लबालब भर जाता है, जिससे बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को भारी परेशानी होती है। घरों में पानी घुसना, मच्छरों का प्रकोप, कीचड़ और गंदगी आम बात हो गई है। बारिश के दिन में तो अक्सर घर में सांप घुस जाया करते हैं, जिससे घर में रहने वालेसभी लोगों को खतरे में जीवन जीना पड़ रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि हमने ग्राम पंचायत से लेकर जनपद तक कई बार आवेदन दिया, लेकिन आज तक सिर्फ आश्वासन ही मिला।
त्रिलोकी लहरे, राधे कोसले, आदि स्थानीय निवासी की मांग है कि लम्बे समय से लटके हुए विवाद के लिये बड़े स्तर चाहे प्रशासनिक या राजनीतिक स्तर पर पहल करने की आवश्यकता है। प्रशासन विवाद सुलझाने के लिए कोर्ट में शीघ्र सुनवाई कराए। उनकी परेशानियों को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन के द्वारा वैकल्पिक मार्ग से नाली निर्माण की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाना चाहिए, पंचायत व एनएच के द्वारा बारिश के पहले ही अस्थायी जलनिकासी की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री, जिले के प्रभारी मंत्री एवं एनएच विभाग से इस मामले में त्वरित हस्तक्षेप की माँग की है।