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बोड़ला में 3 दिन में चार को सांप ने काटा, इलाज के बाद छुट्टी
19-Jun-2022 9:37 PM
बोड़ला में 3 दिन में चार को सांप ने काटा, इलाज के बाद छुट्टी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला, 19 जून।
बारिश के मौसम शुरू होते ही विकासखंड के मैदानी से वनांचल क्षेत्रों में सर्पदंश के मामले आने शुरू हो गए हैं। बोड़ला विकासखंड क्षेत्र में 16 से 19 जून के दरमियान 3 दिनों में चार लोगों को सांप ने काटा है, जिनका इलाज कर चारों पीडि़तों को बोड़ला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से छुट्टी दे दी गई है।

पहली घटना 16 जून को ढोलबज्जा में हुई। यहां शंकर धुर्वे पिता लष्मन धुर्वे उम्र 35 वर्ष को जहरीले सांप ने डस लिया था, उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र  में भर्ती किया गया था।
 
दूसरी घटना 16 जून को ही संतोष विश्वकर्मा पिता केजू विश्वकर्मा उम्र 38 वर्ष ग्राम सुकुआ पारा को तालाब के पास सांप ने काट खाया था। इसी तरह तीसरे मामले में घर के आंगन में टहल रही ग्राम चिल्फी घाटी की फुल कनिया धुर्वे पिता गौतम धुर्वे को भी जहरीले सांप ने काट लिया था, उसका भी इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोंडा में चला।

चौथे मामले में नगर पंचायत बोड़ला के वार्ड नंबर 14 निवासी गोपाल यादव के 10 वर्षीय पुत्र प्रीतम यादव को भी खेलने के दौरान सांप ने काट खाया था। इन सभी सर्पदंश के मामले में बोड़ला अस्पताल में चिकित्सकों की देखरेख में उचित इलाज के बाद सभी मरीजों को आराम मिल गया और वे इलाज कराकर घर को वापस हो गए हैं।

क्षेत्र के आंकड़े बताते हैं कि क्षेत्र में सबसे अधिक सांप काटने की घटना जून से सितंबर तक होती है। क्षेत्र में लोग इलाज के अभाव में और झाड़-फूंक के चक्कर में पडक़र जागरूकता के अभाव में आज भी काफी संख्या में लोग सर्पदंश से अपनी जान गवा रहे हैं। सभी प्रमुख अस्पताल में सर्पदंश के इलाज की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो गई है, बहुत ही कम ऐसे अवसर आए हैं कि सर्पदंश से पीडि़त व्यक्ति को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बचाया न जा सका हो।

इस विषय में बोड़ला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. चंद्रेश चंद्रवंशी व विवेक चंद्रवंशी ने बताया कि अस्पताल में बारिश शुरू होने के बाद लगातार 3 दिन में ही 4 मामले आए हैं। चारों मरीज इलाज के उपरांत ठीक हो गए हैं और उन्हें छुट्टी दे दी गई है।

उन्होंने बताया कि क्षेत्र के अधिकांश सांप जहरीले नहीं होते लोग सर्प काटने के नाम से दहशत में आ जाते हैं और उनकी हालत बिगड़ जाती है। क्षेत्र में सिर्फ करैत व स्थानीय भाषा में जो दर्रा काहे जाने वाला सांप जो कि अक्सर खेतों में पाया जाता है, जिसके पुकार में ही जहर निकलता है। हमारे क्षेत्र में यह दो प्रकार के साथ ही अधिक जहरीले होते हैं जिसे भी तत्काल उपचार मिल जाने पर इन दोनों सांपों के भी जहर का असर कम हो जाता है और मरीज की जान बचाई जा सकती है।

गौरतलब है कि गर्मी के मौसम की समाप्ति व बारिश के बीच के मौसम में उमस के कारण सांप अपने बिलों से निकलकर हवा खाने के लिए खेतों, सडक़ों, जंगलों व मैदानों में विचरण करने लगते हैं। इसी दौरान लोग इनके शिकार हो जाते हैं।

आंकड़े बताते हैं कि सर्पदंश के अधिकतर शिकार मजदूर किसान व ग्रामीण होते हैं। खेतों में काम करने के दौरान व मवेशी चराने के समय अन्यथा चलने फिरने के दौरान सर्प डस लेते हैं। हालांकि कई मामलों में घर में भी सांप काटने की घटनाएं आती हैं।

दरअसल मिट्टी व घास फूस के घरों में खासकर बारिश के दिनों में सांप अंदर आ जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश के बाद अधिकांश मरीज अभी झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ जाते हैं, जिस कारण लोगों को जान गंवानी पड़ती है। क्षेत्र के जानकार यह भी बताते हैं कि जहरीले सांप बहुत कम है क्षेत्र में विषैले सांपों की प्रजातियां भी कम पाई जाती है। मौजूदा समय मे  करैत व जोदर्रा साँप से ही बचने की जरूरत है। हालांकि उनका उपचार भी संभव है लेकिन समय पर अस्पताल पहुंचाने की जरूरत है यहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कारगर दवाइयां उपलब्ध हैं।

इस विषय में जानकारी देते हुए बीएमओ योगेश साहू बताते हैं कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बोड़ला में एंटी स्नेक वेनम की दवाइयां उपलब्ध है राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा दवा को चयनित कर भेजा जाता है । सर्पदंश  से पीडि़तों को तत्काल एंटी स्नेक वेनम की पर्याप्त डोज दी जाती हैं जो कि यहां पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। डॉक्टरों के सुपरविजन में एंटी स्नेक वेनम वेनम से लोगों की जान बचाई जा रही है।


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