जशपुर

‘ऑपरेशन शंखनाद’ का असर: पूर्व गौ-तस्करी आरोपी मुख्यधारा से जुड़ा, शुरू किया ढाबा
06-Dec-2025 9:28 AM
‘ऑपरेशन शंखनाद’ का असर: पूर्व गौ-तस्करी आरोपी मुख्यधारा से जुड़ा, शुरू किया ढाबा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जशपुरनगर, 5 दिसंबर। जशपुर जिला के साईंटांगरटोली क्षेत्र में पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन शंखनाद’ के तहत पूर्व में गौ-तस्करी मामलों में आरोपी रहे अमजद हजाम उर्फ बबलू ने अपराध छोडक़र आजीविका का नया माध्यम शुरू किया है। वह छत्तीसगढ़-झारखंड सीमा के पास ‘बबलू शंख ढाबा’ संचालित करेगा। ढाबा का उद्घाटन 4 दिसंबर को एसएसपी शशि मोहन सिंह ने किया। उद्घाटन के दौरान एसएसपी ने ढाबा से चाय ली और भुगतान किया।

ज्ञात हो कि अमजद हजाम उर्फ बबलू निवासी साईंटांगरटोली, लोदाम थाना क्षेत्र, पर पूर्व में गौ-तस्करी के तीन मामले दर्ज हैं। वह लगभग आठ माह तक फरारी पर रहा और बाद में पुलिस दबाव में आकर सरेंडर किया। पुलिस के अनुसार उसकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही थी।

जेल से रिहाई के बाद अमजद ने एसएसपी शशि मोहन सिंह से मुलाकात की। पुलिस के अनुसार, मुलाकात के दौरान एसएसपी ने उसे अपराध छोडऩे और नियमित जीवन अपनाने की सलाह दी। एसएसपी के अनुसार, उन्होंने अमजद से कहा कि अपराध से केवल जेल, भय और असुरक्षा मिलती हैऔर भविष्य सुरक्षित नहीं रहता।अमजद के अनुसार, इस बातचीत ने उसे अपराध छोडऩे का निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया। उसने कहा कि उसके लिए आजीविका का स्थायी और सुरक्षित साधन आवश्यक था, जिसके बाद उसने ढाबा शुरू करने का फैसला किया।

ढाबा का शुभारंभ

अमजद ने छत्तीसगढ़-झारखंड सीमा के मुख्य मार्ग पर अपना ढाबा खोला। उद्घाटन कार्यक्रम में पुलिस अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान लोगों ने अमजद के निर्णय की सराहना की।

उद्घाटन के दौरान एसएसपी शशि मोहन सिंह ने कहा, अपराध कोई विकल्प नहीं है। यदि कोई व्यक्ति अपराध छोडक़र मुख्यधारा में वापस आना चाहता है, तो जशपुर पुलिस उसका सहयोग करेगी। यह कम्युनिटी पुलिसिंग का उदाहरण है।

एसएसपी ने कहा कि पुलिस और समाज मिलकर उन युवाओं को मार्गदर्शन दे सकते हैं, जो किसी कारणवश गलत दिशा में चले जाते हैं।

पुनर्वास मॉडल की दिशा में प्रयास

पुलिस इस प्रयास को पुनर्वास आधारित कार्यवाही के रूप में देख रही है। अमजद ने कहा, अब मैं अपराध से दूर रहूंगा। एसएसपी ने मुझे समझाया, तब महसूस हुआ कि जीवन बदला जा सकता है। अब मैं अपने परिवार का पेट ईमानदारी से पालूंगा।

एसएसपी शशि मोहन सिंह ने कहा, यह कम्यूनिटी पुलिसिंग का उदाहरण है। जशपुर पुलिस के प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।


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