जशपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 12 नवम्बर। जशपुर जिले के थाना दुलदुला क्षेत्र में वर्ष 2021 में दर्ज नाबालिग बालिका से संबंधित रेप और ब्लैकमेलिंग प्रकरण में पुलिस ने फरार आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा है।
पुलिस के अनुसार, 9 अप्रैल 2022 को दुलदुला थाना क्षेत्र में एक 17 वर्षीय बालिका ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार, वर्ष 2021 में कुंदन राज, जो कि बिहार निवासी है, ने मोबाइल फोन के माध्यम से पीडि़ता से संपर्क कर मित्रता की थी।
शिकायत में कहा गया है कि आरोपी ने स्वयं को कुंदन राज बताते हुए वीडियो कॉल पर बातचीत शुरू की और शादी का झांसा देकर नाबालिग से मोबाइल पर ही वर्चुअल शादी जैसी हरकत की।
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने इसी दौरान वीडियो कॉल के माध्यम से पीडि़ता का आपत्तिजनक वीडियो बना लिया और बाद में उसी वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग की।
पुलिस जांच के अनुसार, आरोपी कुंदन राज ने अपने सहयोगी दिलीप चौहान को पीडि़ता के पास भेजा था।
आरोप है कि दिलीप चौहान ने पीडि़ता से फर्जी नाम बताकर संपर्क किया और रेप किया। यह घटना कथित रूप से वीडियो कॉल पर कुंदन राज की उपस्थिति में हुई।
पुलिस के अनुसार, जब पीडि़ता ने आरोपी की मांगों को मानने से इनकार किया, तो कुंदन राज ने कथित वीडियो पीडि़ता की बड़ी बहन को भेज दिया।
पीडि़ता ने कुछ समय बाद परिवार की मदद से थाना दुलदुला में शिकायत दर्ज कराई।
मामले की रिपोर्ट के आधार पर थाना दुलदुला में भारतीय दंड संहिता की धाराएँ 294, 506, 354(क)(ग), 376(2)(एन), 509(ब) तथा पॉक्सो अधिनियम की धाराएँ 4, 6, 12 एवं आईटी एक्ट की धारा 67(बी) के तहत अपराध दर्ज किया गया। पुलिस ने वर्ष 2022 में आरोपी कुंदन राज को बिहार से गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उसकी निशानदेही पर दूसरे आरोपी दिलीप चौहान की पहचान की गई, जो तब से फरार था।
पुलिस ने बताया कि आरोपी दिलीप चौहान लगातार ठिकाने बदल रहा था। मुखबिर तंत्र और तकनीकी निगरानी की मदद से उसे हाल ही में कुनकुरी क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने बताया, थाना दुलदुला क्षेत्र में वर्ष 2021 में एक नाबालिग बालिका से संबंधित मामले में बिहार के आरोपी कुंदन राज को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था। उसका सहयोगी दिलीप चौहान फरार था, जिसे अब गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा जा रहा है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी से जब्त मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल साक्ष्यों की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।


