जशपुर
परिजनों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का जताया आभार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 13 अक्टूबर। चिरायु योजना आज जरूरतमंद परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना ने न केवल बच्चों को नई जिंदगी दी है, बल्कि गरीब परिवारों के चेहरों पर फिर से मुस्कान भी लौटा दी है। इसी कड़ी में चिरायु योजना से ही दिल की बीमारी से जूझ रही किसान परिवार में जन्मी अमीषा केरकेट्टा को नवजीवन देने का काम किया है।
मनोरा विकासखंड के छोटे से ग्राम ओरडीह की एक जनजातीय परिवार में जन्मी अमीषा केरकेट्टा अक्सर बीमार रहने लगी थी। परिजन बार-बार उसकी तबीयत बिगडऩे से चिंतित थे। जब अमीषा की जांच जिला चिकित्सालय जशपुर में चिरायु टीम द्वारा की गई, तो पता चला कि वह जन्म से ही हृदय रोग से पीडि़त है। खेती-किसानी कर परिवार का भरण-पोषण करने वाले उसके पिता अशोक केरकेट्टा यह सुनकर परेशान हो उठे। उनके सामने सबसे बड़ी चिंता थी कि वे इतने महंगे इलाज का खर्च कैसे उठा पाएंगे। तभी चिकित्सकों ने उन्हें चिरायु योजना के बारे में जानकारी दी। यह सुनकर परिवार को मानो एक नई उम्मीद की किरण दिखाई दी। योजना के तहत अमीषा को शासकीय व्यय पर बेहतर उपचार के लिए श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल, नया रायपुर भेजा गया। वहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने उसका सफल ऑपरेशन किया। कुछ ही समय में अमीषा पूरी तरह स्वस्थ हो गई। 11 वर्ष की अमीषा न केवल स्वस्थ है, बल्कि पहले से अधिक उत्साह और ऊर्जा से भरी हुई है। उसका मुस्कुराता चेहरा अब उसके माता-पिता के जीवन को सुकून से भर देता है। परिजनों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डॉक्टरों के प्रति आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि गरीब परिवारों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है। सरकार ने गरीबों की पीड़ा को समझा और इलाज के लिए बेहतर संस्थानों में भेजकर नि:शुल्क इलाज करा रही है।
उल्लेखनीय है कि चिरायु योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों में जाकर बच्चों की संपूर्ण स्वास्थ्य की जांच की जाती है। जांच के उपरांत 44 प्रकार की बीमारी तथा विकृति की जानकारी होने के बाद चिरायु योजना से बच्चों का इलाज कराया जाता है। आवश्यकता होने पर बच्चों को देश भर के अच्छे हॉस्पिटल में ले जाकर उपचार भी कराया जाता है।


