जशपुर

अगरिया समाज का जिला स्तरीय सम्मेलन, जनजातीय पहचान दिलाने की मांग पर चर्चा
23-Sep-2025 3:43 PM
अगरिया समाज का जिला स्तरीय सम्मेलन, जनजातीय पहचान दिलाने की मांग पर चर्चा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जशपुरनगर,  23 सितंबर। जिले के कुनकुरी विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम कंडोरा में अगरिया (लोहार) समाज का जिला स्तरीय सम्मेलन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में जिले के सभी विकासखण्डों से समाज के वरिष्ठजन, पदाधिकारी एवं प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।

सम्मेलन का शुभारंभ समाज के वरिष्ठजनों ने दीप प्रज्वलन कर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाज के वरिष्ठ अध्यापक बैजनाथ अगरिया एवं सचिव कलिंदर राम ने की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित संभागीय महामंत्री मनबहाल राम अगरिया ने समाज को संगठित रहने और आगे बढऩे का आह्वान किया।

 

सम्मेलन का उद्देश्य अगरिया (लोहार) समाज को अनुसूचित जनजाति की मान्यता दिलाने हेतु किए जा रहे सतत प्रयासों की समीक्षा एवं आगे की रणनीति तय करना रहा। वक्ताओं ने कहा कि अगारिया समाज प्राचीनकाल से अग्निकर्म और परंपरागत लोहार कार्य से जुड़ा है तथा आदिवासी परंपराओं का निर्वहन करता आ रहा है। इसके बावजूद इस समाज को अपेक्षित मान्यता नहीं मिल पाई है।

मुख्य वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि शासन स्तर पर समाज की मांग को गंभीरता से लिया गया है। 17 मई 2023 को अनु.जाति आयोग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ग्राम कंडोरा, तहसील कुनकुरी, जिला जशपुर में जनसुनवाई आयोजित की गई थी, जिसमें अगरिया जनजाति को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने हेतु अनुशंसा की गई। वर्तमान में इस प्रकरण की अनुशंसा आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, नवा रायपुर में लंबित है।

इससे पूर्व अगरिया समाज के प्रतिनिधियों ने लोहार जाति से संबंधित सभी प्रमाण एवं दस्तावेज संस्थान में प्रस्तुत किए थे। हाल ही में संस्थान द्वारा समाज के पक्ष में सकारात्मक निर्णय दिए जाने से समाज में नई आशा और उत्साह का संचार हुआ है।

सम्मेलन में जिले व विकासखण्ड स्तर पर संगठन विस्तार को लेकर पदाधिकारियों का निर्वाचन भी किया गया। जिला सचिव-राजेश राम अगरिया (जशपुर), जिला उपाध्यक्ष-जनक राम (कुनकुरी), ब्लॉक अध्यक्ष (जशपुर)-निर्भय राम, ब्लॉक अध्यक्ष(कुनकुरी)- विष्णु राम, ब्लॉक अध्यक्ष (पत्थलगांव)- काशीनाथ, ब्लॉक अध्यक्ष (दुलदुला)-संदीप राम।

अंत में समाजबंधुओं ने संकल्प लिया कि अपनी परंपरा, संस्कृति और पहचान को बनाए रखते हुए, संवैधानिक और जायज अधिकारों की प्राप्ति हेतु एकजुट होकर संघर्ष जारी रखेंगे। कार्यक्रम का संचालन लोयोला महाविद्यालय के प्रोफेसर धनेश्वर विश्वकर्मा ने किया।


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