जशपुर

हिमालय की ओर रवाना हुई जशपुर की जनजातीय पर्वतारोहण टीम
08-Sep-2025 6:17 PM
हिमालय की ओर रवाना हुई जशपुर की जनजातीय पर्वतारोहण टीम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जशपुरनगर, 8 सितंबर। छत्तीसगढ़ के पर्वतारोहण इतिहास में आज एक नया और ऐतिहासिक अध्याय जुड़ गया। जशपुर जिले के पाँच जनजातीय युवा पर्वतारोही हिमाचल प्रदेश स्थित दुहंगन ग्लेशियर क्षेत्र के लिए रवाना हो गए हैं। यह 18 दिवसीय उच्च हिमालयी प्रशिक्षण और पर्वतारोहण अभियान न केवल रोमांच और साहस की परीक्षा है, बल्कि मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के विजऩ का भी हिस्सा है,  जिसमें उन्होंने जनजातीय युवाओं को नए अवसरों से जोडऩे और वैश्विक पहचान दिलाने का संकल्प लिया है।

जशपुर की मिट्टी से निकलकर हिमालय की ऊँचाइयों तक

टीम में शामिल साजन टोप्पो, संजीव कुजूर, प्रतीक एक्का, मनीष नायक और अजीत लकड़ा- सभी जशपुर की जनजातीय पृष्ठभूमि से आते हैं। इनके साहसिक कदम यह दिखा रहे हैं कि गाँवों और जंगलों की धरती से निकला युवा भी दुनिया की सबसे कठिन चोटियों को छू सकता है। यह अभियान पूरे जिले और प्रदेश के युवाओं के लिए एक जीवंत उदाहरण है कि सपनों की उड़ान सीमाओं को नहीं मानती।

मुख्यमंत्री का आशीर्वाद और राज्य सरकार का सहयोग

यह अभियान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साहसिक खेलों को बढ़ावा देने और जनजातीय युवाओं को अवसर दिलाने की नीति का हिस्सा है। माननीय मुख्यमंत्री ने टीम को रवाना होने से पहले अपना आशीर्वाद और शुभकामनाएँ दीं। राज्य सरकार और प्रतिष्ठित संस्थानों के सहयोग से यह टीम हिमालय की ओर रवाना हुई है।

अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोहियों का साथ

इस अभियान में स्पेन, अमेरिका और भारत के विश्व-स्तरीय पर्वतारोहियों और गाइड्स का मार्गदर्शन मिलेगा। टीम बर्फीली चोटियों, ग्लेशियर और चट्टानों पर चढ़ाई के साथ-साथ नए पर्वतारोहण मार्ग खोलने की दिशा में भी प्रयास करेगी। यह अनुभव आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के युवाओं को प्रोफेशनल एडवेंचर स्पोर्ट्स और साहसिक पर्यटन की दिशा में मजबूत बनाएगा।

प्रेरणा और संदेश

यह अभियान जशपुर और छत्तीसगढ़ के हजारों युवाओं को यह विश्वास दिलाएगा कि साहसिक खेलों में भी करियर और पहचान बनाई जा सकती है। टीम पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ भारत मिशन का संदेश भी हिमालय तक लेकर जाएगी।

रवाना होने से पहले पर्वतारोहियों ने जशपुर के प्रसिद्ध मधेश्वर धाम में पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया।

यह केवल एक चढ़ाई नहीं, बल्कि जनजातीय शक्ति, मुख्यमंत्री का विजऩ, पर्यावरणीय संदेश और रोमांच का संगम है — जो आने वाली पीढिय़ों को यह सिखाएगा कि हिमालय ही नहीं, उनके सपने भी बुलंद हैं।


अन्य पोस्ट