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अपदस्थ प्रधानमंत्री हसीना के मुकदमे और आवामी लीग के बंद के आह्वान के बीच ढाका में सुरक्षा चाकचौबंद
13-Nov-2025 12:30 PM
अपदस्थ प्रधानमंत्री हसीना के मुकदमे और आवामी लीग के बंद के आह्वान के बीच ढाका में सुरक्षा चाकचौबंद

ढाका, 13 नवंबर। बांग्लादेश में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अब भंग हो चुकी आवामी लीग पार्टी द्वारा घोषित ढाका बंद के आह्वान के बीच बृहस्पतिवार को राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी।

बंद का आह्वान ऐसे समय में किया गया है जब एक न्यायाधिकरण हसीना के खिलाफ फैसला सुनाने की तारीख घोषित करने वाला है।

विशेष न्यायाधिकरण के अभियोजन पक्ष के एक सदस्य ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार फैसला सुनाएगा।’’

प्राधिकारियों ने सेना, अर्धसैनिक बल ‘बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश’ (बीजीबी) और दंगा नियंत्रण उपकरणों से लैस पुलिस को तैनात किया, ताकि आईसीटी-बीडी परिसर तथा उसके आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा सके। आवामी लीग के बंद के मद्देनजर शहर में सुरक्षा बढ़ने से हजारों लोग घरों में ही रहे।

प्रत्यक्षदर्शियों और खबरों के अनुसार, ढाका की सड़कें असामान्य रूप से खाली दिखाई दीं। हालांकि, कुछ लोग सावधानीपूर्वक अपने कार्यस्थलों और स्कूलों की ओर निकले।

बहरहाल, विश्वविद्यालयों समेत कई निजी संस्थानों ने हिंसा की आशंका से ऑनलाइन माध्यम से काम जारी रखने का फैसला लिया है।

दफ्तर जा रहे एक व्यक्ति ने एक निजी टीवी चैनल से कहा, ‘‘हम तरह-तरह की अफवाहें सुन रहे हैं लेकिन किसी भी आम दिन की तरह लोग बाहर हैं। हमारे बीच डर जैसा कुछ नहीं है।’’

हालांकि, एक निजी बस चालक ने बताया कि यात्रियों की संख्या अन्य दिनों की तुलना में कम थी लेकिन शहर की सड़कों पर लगभग सामान्य दिन की तरह भीड़भाड़ रही।

मीडिया में आयी खबरों में कहा गया है कि राजधानी ढाका, उपनगरीय मुंशीगंज, मध्य टांगाइल और हसीना के गृह नगर गोपालगंज में अज्ञात लोगों ने पांच खाली बसों में आग लगा दी, लेकिन किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

आईसीटी-बीडी हसीना, उनके तत्कालीन गृह मंत्री असदुज़्ज़मान खान कनाल और पूर्व पुलिस प्रमुख अब्दुल्ला अल मनन के खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराधों के एक मामले में फैसले की तारीख घोषित करने वाला है।

इन पर पिछले साल जुलाई में हुए विद्रोह को दबाने की कोशिश का आरोप है जो छात्र आंदोलन था और जिसने पांच अगस्त 2024 को आवामी लीग की सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंका था।

मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम और उनकी टीम ने एक जून को न्यायाधिकरण में पांच आरोपों पर आधारित शिकायत दाखिल करते हुए हसीना के लिए मृत्युदंड की मांग की थी। (भाषा)


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