अंतरराष्ट्रीय
पूर्व नाटो महासचिव एंडर्स फॉग रासमुसेन ने कहा कि जर्मनी को अपनी लंबी दूरी वाली टॉरस मिसाइलें यूक्रेन को देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि नाटो सदस्यों को और ज्यादा सहायता भेजनी चाहिए ताकि यूक्रेन, रूसी मिसाइलों और ड्रोन से खुद की रक्षा कर सके.
रासमुसेन ने कहा कि हमें यूक्रेन की और मदद करनी होगी और रूस पर दबाव बढ़ाना होगा ताकि पुतिन बातचीत के लिए मेज पर आएं. उनका कहना था कि अभी पुतिन के पास शांति वार्ता करने के लिए कोई वजह नहीं है क्योंकि वह युद्ध में जीतने की उम्मीद देख रहे हैं.
टॉरस एक आधुनिक, लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल है जिसकी पहुंच लगभग 500 किलोमीटर है. वह यूक्रेन के पास मौजूद मिसाइलों से दोगुनी दूरी तक निशाना साध सकती है. रासमुसेन का मानना है कि ऐसी मिसाइलें यूक्रेन को रूसी इलाके में गहरे लक्ष्यों पर जवाब देने की क्षमता दे सकती हैं.
हालांकि जर्मन चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स ने अप्रैल में कहा था कि वह यूक्रेन को टॉरस मिसाइल देने के लिए तैयार हैं, लेकिन अभी तक बात इससे आगे बढ़ी नहीं है. जर्मनी के पूर्व चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के नेतृत्व वाली पिछली गठबंधन सरकार यूक्रेन को यह मिसाइल देने से परहेज कर रही थी क्योंकि उनका मानना था कि इससे स्थिति और खराब हो सकती है. (dw.com/hi)


