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पाकिस्तान में यह संवैधानिक संशोधन हुआ तो बढ़ सकती है फील्ड मार्शल मुनीर की ताकत
04-Nov-2025 9:50 PM
पाकिस्तान में यह संवैधानिक संशोधन हुआ तो बढ़ सकती है फील्ड मार्शल मुनीर की ताकत

पाकिस्तान में प्रस्तावित 27वें संवैधानिक संशोधन ने सियासी हलचल मचा दी है. आलोचकों का कहना है कि यह संशोधन देश की सत्ता संतुलन को नागरिक शासन से हटाकर सेना के पक्ष में ले जा कर धकेल सकता है. इसके केंद्र में हैं सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर.

प्रस्तावित संशोधन का मुख्य उद्देश्य संविधान के अनुच्छेद 243 को कमजोर कर मौजूदा सेना प्रमुख असीम मुनीर का कार्यकाल बढ़ाना और उनके फील्ड मार्शल पद को औपचारिक संवैधानिक मान्यता देना है. पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की सरकार ने इस संशोधन के लिए पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) से समर्थन मांगा है. मुनीर का कार्यकाल 28 नवंबर को समाप्त होने वाला है.

आलोचकों का कहना है कि पाकिस्तान में तख्तापलट होने का जोखिम और सेना का गहरा प्रभाव रहता है. यह संशोधन ना केवल पाकिस्तान में प्रांतों अधिकारों को कमजोर करेगा, बल्कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता को भी प्रभावित कर सकता है. अगर यह पारित हो गया, तो फील्ड मार्शल की उपाधि को संवैधानिक दर्जा मिल जाएगा और मुनीर को विस्तारित अधिकारों और सुरक्षा के साथ एक स्थायी पद भी मिल सकता है. पाकिस्तान के इतिहास में इससे पहले केवल अयूब खान को 1959 में फील्ड मार्शल की उपाधि मिली थी, जब उन्होंने सैन्य तख्तापलट के बाद खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया था. (dw.com/hi)


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