अंतरराष्ट्रीय
-केली एनजी
बांग्लादेश में अभियोजन पक्ष ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना को मौत की सज़ा देने की मांग की है. उन पर पिछले साल छात्रों के नेतृत्व वाले प्रदर्शनों को रोकने के लिए मानवता के ख़िलाफ़ अपराध करने का आरोप लगाया गया है.
बांग्लादेश में छात्रों का यह प्रदर्शन काफ़ी हिंसक हो गया था, जिसमें सुरक्षाबलों की कार्रवाई में भी कई लोगों की मौत हुई थी. इस हिंसा के बाद शेख़ हसीना को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था.
हसीना इस समय भारत में शरण लिए हुए हैं. उनके ख़िलाफ़ चल रहे मुक़दमे में एक लीक हुई ऑडियो क्लिप सामने आई है, जिसमें कथित तौर पर उन्होंने सुरक्षा बलों को प्रदर्शनकारियों पर “घातक हथियारों का इस्तेमाल” करने का आदेश दिया था.
हालांकि हसीना ने इन आरोपों से इनकार किया है.
पिछले साल हुई इस हिंसा में क़रीब 1,400 लोगों की मौत हुई थी. यह बांग्लादेश में साल 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद की सबसे भीषण हिंसा मानी जाती है.
बांग्लादेश के मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम ने कहा, “हसीना को 1,400 मौत की सज़ाएं मिलनी चाहिए. “क्योंकि यह इंसानी तौर पर संभव नहीं है, इसलिए हम कम से कम एक बार मौत की सज़ा की मांग करते हैं.” (bbc.com/hindi)


