अंतरराष्ट्रीय
-योलांद नेल
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे से पहले इसराइली संसद भवन और प्रमुख सड़कों के आसपास अमेरिकी झंडे लहरा रहे हैं.
हालांकि तैयारियों के बीच ग़ज़ा में बंदी बनाए गए इसराइली बंधकों की रिहाई को लेकर चिंता बनी हुई है.
इसराइली अधिकारियों का कहना है कि 48 बंधकों में से लगभग 20 अभी जीवित हैं.
ट्रंप प्रशासन की मध्यस्थता से तैयार हुए समझौते के तहत ग़ज़ा में हिरासत में लिए गए करीब दो हज़ार लोगों और इसराइल की जेलों में बंद 250 फ़लस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाना है.
इनमें से 1,700 ग़ज़ावासी वे हैं जिन्हें बिना किसी औपचारिक आरोप के गिरफ्तार किया गया था, जबकि बाकी 250 कैदी लंबी सज़ा काट रहे हैं.
हमास ने इसराइल से मांग की है कि वह समझौते की उस शर्त का पालन करे जिसमें सात प्रमुख फ़लस्तीनी कैदियों में से कम से कम दो की रिहाई का वादा किया गया था.
इधर, ग़ज़ा में लागू अस्थायी युद्धविराम के चलते मानवीय सहायता की आवाजाही शुरू हो गई है. समझौते के अनुसार, प्रतिदिन 600 ट्रक ग़ज़ा में प्रवेश कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र ने इसराइल से अपील की है कि वह सभी क्रॉसिंग पॉइंट्स खोल दे, ताकि मानवीय सहायता बिना किसी रुकावट के फ़लस्तीनी इलाकों तक पहुंच सके.(bbc.com/hindi)


