अंतरराष्ट्रीय

इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने ग़ज़ा में मानवीय सहायता बढ़ाने को लेकर इसराइली सेना की घोषणा के बाद पहली बार टिप्पणी की है.
नेतन्याहू ने अपने बयान में कहा है कि इसराइल ग़ज़ा में लगातार जंग लड़ रहा है लेकिन साथ ही युद्धविराम के लिए हमास के साथ उसकी बातचीत भी जारी है, इसलिए उन्होंने ग़ज़ा में न्यूनतम मानवीय सहायता के प्रवेश को मंज़ूरी दी है.
पीएम नेतन्याहू ने कहा कि इसराइल ने हमेशा ग़ज़ा में राहत सामग्री पहुंचाने की इजाज़त दी है.
साथ ही उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने फ़लस्तीन के हालात के लिए उनकी सरकार को दोषी ठहराया है.
इसराइली पीएम ने कहा, "सुरक्षित रास्ते मौजूद हैं. पहले भी थे, लेकिन अब यह आधिकारिक है. अब और कोई बहाना नहीं चलेगा."
उन्होंने कहा, "हम लड़ाई जारी रखेंगे और तब तक कार्रवाई करते रहेंगे जब तक हम युद्ध के अपने सभी लक्ष्यों को हासिल नहीं कर लेते, जब तक पूरी तरह से जीत नहीं मिल जाती."
इसराइल की ओर से ग़ज़ा में अधिक राहत सामग्री पहुंचाने की घोषणा के बाद जॉर्डन और यूएई ने ग़ज़ा में हवाई मार्ग के ज़रिए सहायता पहुंचाई है.
इससे पहले इसराइल ने ग़ज़ा के कुछ हिस्सों में अपनी सैन्य गतिविधियों पर 'रणनीतिक रोक' की घोषणा की थी.
इसराइल डिफ़ेंस फ़ोर्सेज़ (आईडीएफ़) ने अपने बयान में कहा है कि ऐसा ग़ज़ा में मानवीय सहायता की मात्रा बढ़ाने के लिए किया जा रहा है.
ग़ज़ा में राहत सामग्री पहुंचने को लेकर नेतन्याहू के बयान पर प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है.
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लेमी ने कहा इसराइल ने ग़ज़ा के "कुछ इलाकों में सैन्य अभियान पर जो अस्थायी रोक लगाई है वो ज़रूरी है", लेकिन ग़ज़ा में स्थिति के हिसाब से "नाकाफी है".
जर्मनी के चांसलर फ़्रिड्रिख़ मर्त्ज़ ने फ़ोन पर नेतन्याहू से बात की और कहा कि तुरंत युद्धविराम हो और गज़ा में लोगों तक मदद पहुंचाई जाए.
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ग़ज़ा में फलस्तीनियों के ख़िलाफ़ जो हो रहा है वो "जनसंहार" है और वो इसकी "कड़ी आलोचना करते हैं". उन्होंने कहा कि ग़ज़ा में अधिक मात्रा में राहत सामग्री पहुंचाई जानी चाहिए. (bbc.com/hindi)