अंतरराष्ट्रीय

ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने कहा है कि ईरान के पास कोई प्रॉक्सी बल नहीं है.
उन्होंने कहा, "अगर किसी दिन हमें अपने दुश्मनों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई करनी हो तो हमें इसके लिए प्रॉक्सी बलों की ज़रूरत नहीं होगी."
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखी अपनी पोस्ट में उन्होंने पश्चिमी देशों पर निशाना साधा.
ईरान के सर्वोच्च नेता ने कहा, "वो कहते हैं कि इस्लामिक रिपब्लिक ईरान ने क्षेत्र में अपने प्रॉक्सी बलों को गंवा दिया है. हमारे पास प्रॉक्सी सेनाएं नहीं हैं."
पश्चिमी देश यमन के हूती विद्रोहियों, फ़लस्तीन के हमास और लेबनान के हिज़्बुल्लाह लड़ाकों को ईरान का प्रॉक्सी बल कहते हैं.
ग़ज़ा में हमास के ख़िलाफ़ इसराइल के जंग छेड़ने के बाद से हिज़्बुल्लाह ने लेबनाना की तरफ से इसराइल पर कई हमले किए.
वहीं इसी दौरान लाल सागर से सामान लेकर इसराइल से आने वाले और जाने वाले जहाज़ों पर यमन के हूथी विद्रोहियों ने कई हमलों को अंजाम दिया.
आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने क्या कहा?
आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई के मुताबिक़, "यमन अपने विश्वास के लिए लड़ रहा है. हमास, हिज़्बुल्लाब और इस्लामिक जिहादी इसलिए लड़ रहे हैं क्योंकि उनकी मान्यताएं उनको ऐसा करने के लिए मजबूर कर रही हैं."
आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने अमेरिका और सीरिया के हालातों पर भी राय ज़ाहिर की.
उनके मुताबिक़, "सीरिया के नौजवानों के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं बचा है. उनके विश्वविद्यालय, स्कूल घर और ज़िदगी कुछ भी सुरक्षित नहीं है. वो क्या कर सकते हैं? उनके ख़िलाफ़ मज़बूती से खड़े होने की ज़रूरत है जिन्होंने इस अस्थिरता को पैदा किया है."
"अमेरिका देशों पर हावी होने की योजना में दो रणनीति अपनाता है. पहला, तानाशाही शासन स्थापित करना, जिसके साथ वे बातचीत कर सकें और देशों के हितों को आपस में बांट सकें. दूसरा, अराजकता और दंगे फ़ैलाना. सीरिया में इसी वजह से अराजक स्थिति पैदा हुई है." (bbc.com/hindi)