अंतरराष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के प्रमुख एंटोनियो गुटेरस ने ग़ज़ा में चल रहे युद्ध की गंभीरता को देखते हुए यूएन चार्टर का अनुच्छेद 99 लागू कर दिया है.
ये अनुच्छेद संयुक्त राष्ट्र का सबसे महत्वपूर्ण प्रावधान माना जाता है. जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र के महासचिव"किसी भी मामले को सुरक्षा परिषद के ध्यान में लाते हैं जो उनकी राय में अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को ख़तरे में डाल सकता है."
इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सबसे शक्तिशाली प्रावधान माना जाता है.
संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में केवल नौ बार ही इस अनुच्छेद का इस्तेमाल किया गया है और दशकों से इस अनुच्छेद का इस्तेमाल नहीं हुआ है.
संयुक्त राष्ट्रबीते कई हफ्तों से ग़ज़ा में युद्ध से पैदा हो रही मानवीय तबाही के बारे में चेतावनी दे रहा है और इसे रोकने की अपील कर रह है, लेकिन अब बुधवार को एंटोनियो गुटेरस ने अपने सबसे शक्तिशाली डिस्ट्रेस सिग्नल (संकट संकेतों) में से एक को लागू किया है ताकि सदस्य देशों का ध्यान इस संकट पर केंद्रित किया जा सके और मानवीय युद्धविराम लागू हो.
यूएन काउंसिल के अधिकतर सदस्य युद्ध विराम के समर्थन में हैं लेकिन अमेरिका, जो इसराइल का घनिष्ठ सहयोगी है और यूएन में वीटो रखता है वो इस युद्ध विराम के समर्थन में नहीं है.
गुटेरस ने काउंसिल के सदस्यों को लिखा कि कि “ग़ज़ा में रहने वाला हर एक शख्स गंभीर ख़तरे में जी रहा है क्योंकि कोई भी जगह अब ग़ज़ा में सुरक्षित” नहीं है.
उन्होंने ये भी लिखा है कि पूरे ग़ज़ा की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा चुकी है क्योंकि अस्पतालों को युद्ध का मैदानबना दिया गया है.
लोगों के पास जिंदा रहने के लिए ज़रूरत के सामान तक नहीं हैं और इन सबके बीच इसराइल लगातार बमबारी कर रहा है.
गुटेरस का कहना है कि ग़ज़ा की सार्वजनिक व्यवस्था पूरी तरह खत्म हो जाएगी.
यूएन का कहना है कि जिस तरह की तबाही ग़ज़ा में हो रही है उसके देखते हुए ये बहुत मुश्किल लगता है कि ग़ज़ा वापस कभी पहले जैसा हो सकेगा.
गुटेरस ने अपनी चिट्ठी के आखिर में लिखा की अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ज़िम्मेदारी है कि वह "इस संकट को और बढ़ने से रोकने और खत्म करने के लिए अपने सभी प्रभाव का इस्तेमाल करे" और मानवीय युद्धविराम के लिए अपने आह्वान को दोहराया. (bbc.com/hindi)