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CoHNA
अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया प्रांत के गवर्नर ने जाति विधेयक (एसबी-403) को वीटो कर दिया है.
कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर इसे वीटो करते हुए कहा कि कथित कैलिफ़ोर्निया कास्ट बिल ग़ैरज़रूरी है क्योंकि यहां जाति के आधार पर भेदभाव पहले से ही प्रतिबंधित है. इस फैसले के बाद अमेरिका के हिंदू संगठनों ने ख़ुशी ज़ाहिर की है.
कोलिशन ऑफ़ हिंदूज़ ऑफ़ नॉर्थ अमेरिका (कोहना) ने एक बयान जारी कर गर्वनर का शुक्रिया अदा किया है और 'इंसाफ़ के लिए लड़नों वालों की जीत बताई है.'
शुरू से इसका मुखर विरोध कर रहे हिंदू अमेरिकन फ़ाउंडेशन (एचएएफ़) ने 'इसे सभी कैलिफ़ोर्निया निवासियों की जीत बताया है.'
एएचएफ़ के मैनेजिंग डायरेक्टर समीर कालरा ने एक बयान जारी कर कहा कि 'यह कैलिफ़ोर्निया के नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं की जीत है.'
एएचएफ़ के एक्ज़ीक्युटिव डायरेक्टर सुहाग शुक्ला ने कहा, "एसबी-403 ने गैरज़रूरी विभाजन पैदा किया था. जिन्हें भेदभाव झेलना पड़ा हम उनके साथ खड़े हैं. हम उम्मीद करते हैं कि सभी मिलकर आगे बढ़ेंगे."
पिछले साल ही यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया, डेविस कोल्बी कॉलेज, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और द कैलिफ़ोर्निया डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपनी नीतियों में जातिगत भेदभाव के ख़िलाफ़ सुरक्षा को शामिल किया था.
दलित अधिकारों के लिए अभियान की इस जीत को अमेरिका में हिंदू अमेरिकन फ़ाउंडेशन (एचएएफ़) जैसे हिंदूवादी समूहों ने चुनौती दी थी.
इस फ़ाउंडेशन ने कैस स्टेट पॉलिसी और सिस्को मामले को चुनौती दी और इसे अमेरिका में हिंदुओं के अधिकारों का हनन और भेदभावपूर्ण बताया है. (bbc.com/hindi)