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(शिरीष बी प्रधान)
काठमांडू, 9 मार्च। नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार रामचंद्र पौडेल बृहस्पतिवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में विजयी घोषित किए गए हैं और वह देश के तीसरे राष्ट्रपति होंगे।
पौडेल ऐसे समय राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं जब राजनीतिक अस्थिरता बढ़ रही है और प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व में कमजोर गठबंधन सरकार शासन कर रही है।
पौडेल आठ दलों के गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार थे जिनमें नेपाली कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल- माओइस्ट सेंटर (सीपीएन- माओइस्ट सेंटर) शामिल है। पौडेल को संसद के 214 सदस्यों और प्रांतीय विधानसभाओं के 352 सदस्यों का समर्थन मिला।
नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर मेरे मित्र रामचंद्र पौडेल को हृदय से बधाई।’’
आठ पार्टियों के समर्थन की वजह से 78 वर्षीय पौडेल का निर्वाचित होना लगभग तय था। उनके खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ‘ओली’ नीत कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-एकीकृत मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) के सुभाष चंद्र नेमबांग मैदान में थे।
वर्ष 2008 में देश को गणतंत्र घोषित किए जाने के बाद यह तीसरा राष्ट्रपति चुनाव है।
नेपाल की निवर्तमान राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी का कार्यकाल 12 मार्च को समाप्त हो रहा है।
राष्ट्रपति चुनाव में कुल 882 मतदाता हैं जिनमें 332 सदस्य संसद के हैं जबकि 550 सदस्य सात प्रांतीय विधानसभाओं के हैं।
निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता शालीग्राम ने बताया कि राष्ट्रपति चुनाव में प्रांतीय विधानसभाओं के 518 सदस्यों और संसद के 313 सदस्यों ने हिस्सा लिया।
पौडेल ने इससे पहले विश्वास जताया था कि विधायिका के सदस्य उन्हीं के पक्ष में मतदान करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि संघीय संसद एवं प्रांतीय एसेंबली के सदस्य मुझे वोट करेंगे। मेरा मानना है कि वे मेरे लंबे संघर्ष के बारे में सही निर्णय करेंगे।’’
चुनाव के नतीजे प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल 'प्रचंड' के नेतृत्व वाली सरकार की स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं।
पौडेल को राष्ट्रपति पद के चुनाव में समर्थन देने को लेकर उत्पन्न राजनीतिक विवाद के बाद पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल ने मौजूदा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। सीपीएन-यूएमएल नेपाल की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है।
राष्ट्रपति के कार्यकाल की अवधि निर्वाचन की तारीख से पांच वर्ष होगी और एक व्यक्ति को इस पद पर केवल दो कार्यकाल के लिए ही चुना जा सकता है।
राष्ट्रपति का पद हालांकि काफी हद तक औपचारिक है, लेकिन संविधान प्रदत्त विवेकाधीन शक्तियों के कारण नेपाल के राजनीतिक दलों में हाल के दिनों में इस पद के लिए रुचि बढ़ी है।
राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) ने राष्ट्रपति चुनाव में तटस्थ रहने का फैसला किया है। इसके प्रतिनिधि सभा में 14 और प्रांतीय विधानसभाओं में 28 सदस्य हैं। नेपाल वर्कर्स ऐंड पीजेंट पार्टी ने भी राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं लिया।
पौडेल का जन्म 14 अक्टूबर 1944 को बाहुनपोखरी में एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में हुआ था और 16 साल की उम्र में ही वह राजनीति से जुड़ गए थे। वह वर्ष 1970 में नेपाली कांग्रेस की छात्र इकाई नेपाल स्टुडेंट्स यूनियन के संस्थापक सदस्य बने।
पौडेल वर्ष 1980 में नेपाली कांग्रेस (प्रतिबंधित) तन्हुं जिला समिति के उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए। वर्ष 1987 में उन्हें पदोन्नति मिली और पार्टी की केंद्रीय कार्य समिति में जगह दी गई। इसी साल उन्हें पार्टी प्रचार समिति का सदस्य बनाया गया। वर्ष 2005 में पौडेल पार्टी के महासचिव बने, वर्ष 2007 में वह पार्टी के उपाध्यक्ष बनाए गए। उन्होंने वर्ष 2015 में कार्यवाहक राष्ट्रपति की भूमिका भी निभाई।
उन्होंने वर्ष 1985 में हुए सत्याग्रह में सक्रिय भूमिका निभाई। पौडेल ने वर्ष 1990 में पहले जन आंदोलन और वर्ष 2006 में जन आंदोलन के दूसरे हिस्से में भी अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अधिनायकवादी पंचायत शासन के खिलाफ लड़ने के दौरान 12 साल जेल में बिताए।
पौडेल पहली बार वर्ष 1991 में तन्हुं जिले से प्रतिनिधि सभा के सदस्य निर्वाचित हुए और तब से लगातार छह बार इसी जिले से संसद के लिए चुने गए। (भाषा)