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यूएनएससी में 74 साल बाद लाया गया म्यांमार को लेकर प्रस्ताव, भारत और चीन दिखे एक साथ
22-Dec-2022 11:09 AM
यूएनएससी में 74 साल बाद लाया गया म्यांमार को लेकर प्रस्ताव, भारत और चीन दिखे एक साथ

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में म्यांमार में हिंसा तुरंत ख़त्म करने के लिए लाए गए मसौदा प्रस्ताव से भारत, चीन और रूस ने दूरी बनाई है.

इस प्रस्ताव में म्यांमार की सैन्य सरकार से राजनीतिक बंदियों को छोड़ने की मांग की गई है जिसमें स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची का नाम भी शामिल है. म्यांमार के ख़िलाफ़ इस तरह का ये पहला मसौदा प्रस्ताव है.

इस महीने भारत 15 सदस्य देशों वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (पांच स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य) की अध्यक्षता कर रहा है. बुधवार को सुरक्षा परिषद में ये मसौदा प्रस्ताव लाया गया था.

इसके पक्ष में 12 सदस्य देशों ने मतदान किया और एक भी देश इसके ख़िलाफ़ नहीं रहा. हालांकि, भारत, चीन और रूस ने इस प्रस्ताव से दूरी बनाए रखी. उन्होंने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया.

पिछले 74 सालों में सुरक्षा परिषद में म्यांमार पर पहला प्रस्ताव है. इससे पहले 1948 में एक प्रस्ताव लाया गया था. तब देश को ब्रिटेन से आज़ादी मिली थी और इसे बर्मा के नाम से जाना जाता था.

इस मसौदा प्रस्ताव पर भारत के पक्ष को लेकर संयुक्त राष्ट्र में देश की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा, ''भारत का मानना है कि म्यांमार की जटिल स्थिति में "शांत और धैर्यपूर्ण कूटनीति" के दृष्ठिकोण की ज़रूरत है.''

उन्होंने कहा कि लंबे समय से चले आ रहे इस मसले को किसी और तरह से नहीं सुलझाया जा सकता. ये मसला देश में शांति, स्थिरता, प्रगति और लोकतांत्रिक शासन के लिए बाधा बना है.

हालांकि, कंबोज ने ज़ोर देकर कहा कि भारत सभी पक्षों से दुश्मनी को तत्काल ख़त्म करने और लोकतंत्र की बहाली के लिए तुरंत एक समावेशी राजनीतिक संवाद शुरू करने की अपील करता है. (bbc.com/hindi)


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