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सऊदी अरब में 'ट्वीट्स' के लिए अमेरिकी नागरिक को 16 साल की क़ैद
19-Oct-2022 9:09 AM
सऊदी अरब में 'ट्वीट्स' के लिए अमेरिकी नागरिक को 16 साल की क़ैद

IBRAHIM ALMADI


सऊदी अरब की अदालत ने अमेरिकी नागरिक साद इब्राहिम अल-मादी को उनके ट्वीट के लिए 16 साल की जेल की सजा सुनाई है. इब्राहिम के बेटे ने बीबीसी अरबी को इसकी जानकारी दी है.

अमेरिका और सऊदी अरब की दोहरी नागरिकता रखने वाले अल-मादी को बीते साल नवंबर महीने में गिरफ़्तार किया गया था, जब वो अपने परिवार से मिलने के लिए फ़्लोरिडा से रियाद आए थे.

अल-मादी के बेटे ने पहली बार इसको लेकर मीडिया के सामने बात की है, जबकि अमेरिका ने उन्हें ऐसा न करने की सलाह दी थी.

अल-मादी के बेटे इब्राहिम ने कहा कि वो अपने पिता को जेल में मरते नहीं देखना चाहते. इब्राहिम ने ये भी दावा किया कि गिरफ़्तारी के बाद से ही उनके पिता को सऊदी अधिकारियों की ओर से प्रताड़ित किया जा रहा है.

सऊदी की अदालत ने मुल्क़ को अस्थिर करने की कोशिश और आतंकवाद का समर्थन करने जैसे आरोपों में अल-मादी को सज़ा दी है.

इब्राहिम के अनुसार, इन आरोपों को साबित करने के लिए अदालत में सिर्फ़ 14 ट्वीट ही सबूत के तौर पर पेश किए गए.

बीबीसी ने इन ट्वीट्स को देखा. ये ट्वीट्स जेद्दा और मक्का में पुराने ढांचों को ढहाने, ग़रीबी पर चिंता ज़ाहिर करने और सऊदी के पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या से जुड़े थे.

अभियोजन पक्ष ने अल-मादी को 42 साल की क़ैद दिए जाने की मांग की थी.

इब्राहिम पिता की गिरफ़्तारी के बाद से ही उनसे बात नहीं कर पाए हैं. हालांकि, परिवार के अन्य सदस्य उनके पिता से मिले हैं और बताया है कि वो ठीक हैं. लेकिन इब्राहिम कहते हैं कि उन्हें इस दावे पर शक है.

इब्राहिम ने अपने पिता के केस में अमेरिका के रुचि न लेने की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि अमेरिकी अधिकारी उनके पिता से केवल दो बार मिले हैं. पहली बार उनके जेल जाने के छह महीने बाद कोई अमेरिकी अधिकारी मिला था. इब्राहिम ने इस मामले में व्हाइट हाउस से संपर्क न हो पाने का भी ज़िक्र किया.

उन्होंने अपने पिता के केस के बारे में बीबीसी को तब बताया था जब अमेरिकी राष्ट्रपति जुलाई महीने में ही रियाद दौरे पर थे.

उन्होंने बीबीसी से बात करते हुए अमेरिका के दोहरे रवैये पर सवाल उठाए. वो कहते हैं, "अगर रूस या ईरान में किसी नागरिक को हिरासत में लिया होता तो अमेरिका हरकत में आ गया होता लेकिन अगर आपको सऊदी अरब में जेल की सज़ा हुई है तो यहां तेल का एक बैरल आपसे ज़्यादा कीमती है." (bbc.com/hindi)


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