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युगांडा के लिए अब सीरम इंस्टीट्यूट बनाएगा इबोला वैक्सीन
18-Oct-2022 1:00 PM
युगांडा के लिए अब सीरम इंस्टीट्यूट बनाएगा इबोला वैक्सीन

युगांडा में वायरस के सूडान स्ट्रेन के खिलाफ कारगर वैक्सीन उपलब्ध ना होने से महामारी का प्रकोप बढ़ गया है. अब सीरम इंस्टीट्यूट इबोला के खिलाफ वैक्सीन बनाने की तैयारी में है.

  (dw.com)

भारत का सीरम इंस्टीट्यूट अब युगांडा को महामारी की मार से बचाने में जुट गया है. कंपनी ने 20,000 से 30,000 डोज इबोला वैक्सीन तैयार करने की योजना बनाई है. वैक्सीन बनाने में जुटे लोग और कंपनी के एक सूत्र के मुताबिक ये प्रयोगात्मक वैक्सीन होगी जिसे नवंबर तक परीक्षण के लिए तैयार कर लिया जाएगा. युगांडा में वायरस के सूडान स्ट्रेन के खिलाफ कारगर वैक्सीन उपलब्ध ना होने से महामारी का प्रकोप बढ़ गया है.

पिछले महीने से अब तक यहां इबोला के 54 मामले मिले हैं और 19 मौतें हो चुकी हैं. पिछले सप्ताह राजधानी कंपाला में पहला मामला दर्ज किया गया था. स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि असल संख्या ज्यादा हो सकती है.

वैक्सीन की सप्लाई मुफ्त
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की इबोला वैक्सीन ने पहले चरण के ट्रायल में सूडान और जायरे दोनों स्ट्रेन के खिलाफ कुछ कारगर होता दिखा है. इसके डेवलपर्स ने बताया कि इसे युगांडा में नियामक मंजूरी मिलते ही क्लिनिकल ट्रायल में इस्तेमाल किया जा सकता है.

ऑक्सफोर्ड में इबोला वैक्सीन तैयार करने वाली टीम की चीफ साइंटिफिक इंवेस्टिगेटर टेरेसा लैम्बे ने रायटर्स को बताया, ''हम सीरम इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर वैक्सीन निर्माण को तेज करने के लिए काम कर रहे हैं. हम नवंबर के मध्य से आखिर तक करीब 20,000 से 30,000 या उससे भी ज्यादा बड़ी संख्या में डोज तैयार करने की उम्मीद कर रहे हैं.''

दुनिया में वैक्सीन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट के सूत्र ने भी इस बात की पुष्टि की है. उनके मुताबिक इबोला वैक्सीन मुफ्त में सप्लाई की जाएगी.

सूडान स्ट्रेन के खिलाफ छह वैक्सीन हो रहे तैयार
युगांडा के सूचना मंत्री क्रिस बैरियोमुंशी ने कहा कि उन्हें वैक्सीन के बारे में कोई जानकारी नहीं है. हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख तेद्रोस अधनोम घेब्रेसेयूस ने पिछले सप्ताह कहा था कि दो वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल आने वाले हफ्तों में शुरू हो सकता है. इसके लिए युगांडा सरकार की मंजूरी का इंतजार है. उन्होंने वैक्सीन के नाम का खुलासा नहीं किया था.

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, सूडान स्ट्रेन के खिलाफ कम से कम छह वैक्सीन तैयार किए जा रहे हैं जिनमें 3 वैक्सीन के पहले चरण के ट्रायल का डेटा भी तैयार है. इनमें से एक को वाशिंगटन, डीसी के साबिन वैक्सीन इंस्टीट्यूट ने तैयार किया है.

वैक्सीन में निवेश की कमी से शोधकर्ताओं में निराशा
ऑक्सफोर्ड के रिसर्चर में निराशा है कि उनकी वैक्सीन प्रकोप के शुरुआती समय तक इस्तेमाल के लिए तैयार नहीं थी. उनका मानना है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर दुनिया भर की सरकारों ने वैक्सीन में निवेश को पर्याप्त प्राथमिकता नहीं दी. वैक्सीन कई सालों से विकास में है लेकिन कम फंडिंग की वजह से क्लीनिकल ट्रायल में तेजी नहीं आ सकी.

ऑक्सफोर्ड के एक एसोसिएट प्रोफेसर सैंडी डगलस कहते हैं- "बेहतर निवेश हो तो दुनिया को इबोला और दूसरी कई बीमारियों के खिलाफ आसानी से शीशियों में तैयार वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है. जो काम पहले किया जा सकता था, उस पर हम कई महीने बिता चुके हैं."
 


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