अंतरराष्ट्रीय
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अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के ताइवान से रवाना होने के बाद चीन आज से आस-पास के इलाकों में अपना सैन्य अभियान शुरू कर रहा है.
ताइवान ने कहा है कि चीन के 27 जंगी जहाज़ पहले ही उसके हवाई क्षेत्र में घुस चुके हैं.
चीन ने कहा है कि ये सैन्याभ्यास दुनिया के कुछ सबसे व्यस्त जलमार्गों पर होगा और इस दौरान 'लंबी दूरी तक गोला-बारूद' दागे जाएंगे.
ताइवान ने इस अभ्यास से बचने के लिए जहाज़ों को वैकल्पिक मार्ग ढूंढने के लिए कहा है. साथ ही वो अपने पड़ोसी जापान और फ़िलिपींस के साथ वैकल्पिक हवाई मार्गों पर भी चर्चा कर रहा है.
चीन की चेतावनी के बावजूद मंगलवार को नैंसी पेलोसी ताइवान पहुँची थीं. बुधवार को ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन से मुलाकात करने के बाद वो अमेरिका के लिए रवाना हुईं.
मामले को शांत कराने के मकसद से जी-7 समूह देशों के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी कहा है कि चीन की कार्रवाई से इस क्षेत्र में अस्थिरता पैदा होने का जोखिम बढ़ गया है. जी-7 समूह में कनाडा, फ़्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं.
बयान में कहा गया है, "एक यात्रा के बहाने ताइवान स्ट्रेट में आक्रामक सैन्य गतिविधि करने का कोई औचित्य नहीं है. हमारे देशों में सांसद नियमित तौर पर अंतरराष्ट्रीय यात्रा करते हैं और ये सामान्य है."
पेलोसी अमेरिका की पहली ऐसी शीर्ष अधिकारी हैं, जिन्होंने 25 सालों में पहली बार ताइवान का दौरा किया. चीन ने उन्हें इस यात्रा को न करने की चेतावनी दी थी. चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और इसकी आज़ादी का विरोध करता है.
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिका पर 'तथाकथित लोकतंत्र की आड़ में चीन की संप्रभुता का उल्लंघन' करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, "जो लोग आग से खेलते हैं, उनका अंत अच्छा नहीं होता और जिन्होंने चीन को उकसाने वालों को सज़ा दी जाएगी." (bbc.com)