गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 24 दिसंबर। शहर के श्री राधा-कृष्ण मंदिर में सालासर सुंदरकांड हनुमान चालीसा जनकल्याण समिति की ओर से श्रीराम कथा का आयोजन किया गया है। कथा के पहले और दूसरे दिन अयोध्या से पधारे प्रशांत महाराज ने राम कथा का वर्णन किया। उन्होंने राम कथा के महात्म्य और शिव विवाह की दिव्य कथा सुनाई।
कथा के दौरान उन्होंने कहा कि राम कथा केवल सुनने की नहीं, बल्कि जीने की कथा है। भगवान श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। राम जैसा बन पाना कठिन है, लेकिन उनके पदचिन्हों पर चलकर जीवन को सार्थक किया जा सकता है। उन्होंने चौपाई रामचंद्र गुण बरनै लागा, सुनतहीं सीता कर दुख भागा का अर्थ समझाया और कहा कि राम कथा सुनने से जीवन के दुख दूर होते हैं। महाराज ने सती चरित्र और शिव विवाह की कथा विस्तार से सुनाई।
उन्होंने कहा कि जीवन में गुरु, माता, पिता, भगवान और मंत्र की परीक्षा नहीं करनी चाहिए। शिव विवाह का भावार्थ समझाते हुए उन्होंने बताया कि भगवान शिव विश्वास के स्वरूप हैं और माता पार्वती श्रद्धा की प्रतीक हैं। श्रद्धा और विश्वास के मिलन को ही शिव विवाह कहा गया है। जब श्रद्धा होती है, तभी विश्वास जन्म लेता है।
शिव विवाह प्रसंग में भगवान शिव के श्रृंगार और बारात का जीवंत चित्रण किया गया।
महाराज ने चौपाई जस दूलह तसि बनी बराता, कौतुक बिबिध होहिं मग जाता का भाव समझाया। उन्होंने बताया कि शिव बारात में भूत, प्रेत, गण और शिवगणों की अनोखी झांकी होती है। जैसे ही भगवान शिव नंदी पर सवार होकर दूल्हा बने और बारात सहित पहुंचे, कथा पंडाल शिवमय हो गया। श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। कई श्रोता बाराती बनकर झूमते और नृत्य करते नजर आए। समिति के संस्थापक राजू काबरा ने बताया कि दूसरे दिन के प्रमुख यजमान मनहरण शर्मा, तारणी शर्मा और परिवार रहे। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि कथा प्रतिदिन ठीक दोपहर 2 बजे शुरू होती है, इसलिए समय से पहले पहुंचें। कथा में आसपास के क्षेत्रों सहत विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।


