गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 24 दिसंबर। आगामी जनवरी माह में पट्टाचार्य 108 श्री विशुद्धसागर जी महाराज के वरद हस्तकमलों से संपन्न होने वाले जिनबिम्ब पंचकल्याणक महामहोत्सव के निमित्त उनके आज्ञानुवर्ती शिष्य मुनि 108 श्री सुयशसागर जी महाराज, मुनि 108 श्री आराध्य सागर जी महाराज, क्षुल्लक 105 श्री श्रेय सागर जी महाराज का इंदौर चातुर्मास पश्चात धर्मनगरी नवापारा राजिम में मंगलवार को भव्य प्रवेश हुआ।
मुनि संघ का मंगल प्रवेश प्रात: 9 बजे बस स्टैंड स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में हुआ। मंदिर दर्शन पश्चात मुनि संघ की निर्विघ्न आहार चर्या यहीं संपन्न हुई। दोपहर दो बजे गाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकाल कर मुनि संघ की आगवानी की गई। शोभायात्रा में पंचकल्याणक हेतु लाई गई पाषाण की प्रतिमा सहित अष्ट धातु की प्रतिमाओं को सुंदर सजे वाहनों में विराजमान कर पुण्यार्जक परिवार सहित समाज के लोगों ने नगर भ्रमण कराया। आगे आगे प्रतिमाजी उनके पीछे मुनि संघ और उनके पीछे पूरे जैन समाज सहित नगर के लोगों ने आगवानी की। इस अवसर पर पूरे नगर को सजाया गया था। शोभायात्रा श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर बस स्टैंड से गंज रोड, महावीर चौक, पुराना बस स्टैंड,सदर रोड होते हुए शताब्दी वर्ष पूर्ण कर चुके श्री 1008 शान्तिनाथ दिगंबर जैन मंदिर पहुंची। मुनि संघ ने श्री जी के दर्शन किए पश्चात शोभायात्रा जैन भवन में संपन्न हुई। पूरे शोभायात्रा के मार्ग में श्रावकों ने अपने अपने घरों,प्रतिष्ठानों के सामने आकर्षक रंगोली सजाकर मुनि संघ का पाद प्रक्षालन कर आरती उतरी। जैन भवन में मुनि संघ ने उपस्थित जनसमुदाय को आशीर्वचन प्रदान किए। संध्या कालीन बेला में संगीतमय णमोकार चालीसा और शाश्वत तीर्थ सम्मेद शिखर की भक्तिमय यात्रा हुई। शोभायात्रा में पुरुष वर्ग सफेद वस्त्र में महिला वर्ग केसरिया साड़ी में सभी मंडल वाले अपने निर्धारित वेशभूषा में, पाठशाला के बच्चे अपने पाठशाला के ड्रेस में शामिल हुए।
इस अवसर पर समाज के पदाधिकारी, पंचकल्याणक समिति के पदाधिकारी सहित संपूर्ण समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।


