गरियाबंद

गरियाबंद के कई धान उपार्जन केंद्रों में अव्यवस्था
23-Dec-2025 3:59 PM
गरियाबंद के कई धान उपार्जन केंद्रों में अव्यवस्था

कहीं उठाव ठप तो कहीं खरीदी लिमिट बनी समस्या

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

गरियाबंद,  23 दिसंबर। गरियाबंद जिले के कई धान उपार्जन केंद्रों में धान उठाव की धीमी प्रक्रिया और कम खरीदी लिमिट के चलते खरीदी व्यवस्था चरमरा गई है। पीपरछेड़ी, बरुला और आमदी (द) उपार्जन केंद्रों में भंडारण की जगह पूरी तरह भर चुकी है, जिससे नई खरीदी में लगातार बाधा आ रही है, फिर भी समितियां मजबूरी में धान खरीदी कर रही हैं।

धान उठाव में देरी का सीधा असर किसानों पर पड़ रहा है। बड़ी संख्या में किसान केंद्र पहुंचने के बावजूद धान नहीं बेच पा रहे हैं और उन्हें बार-बार लौटना पड़ रहा है, जिससे आर्थिक नुकसान के साथ मानसिक परेशानी भी बढ़ रही है।

वहीं दर्रीपारा उपार्जन केंद्र में प्रतिदिन केवल 753 क्विंटल धान खरीदी की सीमा तय होने से खरीदी की रफ्तार बेहद धीमी है। पूरे सीजन में 60 हजार क्विंटल लक्ष्य के मुकाबले एक माह में अब तक सिर्फ 15 हजार क्विंटल, यानी महज 18 प्रतिशत खरीदी ही हो सकी है।

किसानों और समितियों का कहना है कि यदि जल्द ही धान उठाव को तेज नहीं किया गया और खरीदी लिमिट नहीं बढ़ाई गई, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।

 

वहीं इस मामले में कलेक्टर ने बताया कि जिले में कुल 90 धान उपार्जन केंद्र संचालित हैं, जहां अब तक 1 लाख 93 हजार 581 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। इसमें से 14 हजार 485 मीट्रिक टन धान का डीईओ जारी कर दिया गया है, जबकि 8 हजार 516 मीट्रिक टन धान का उठाव भी किया जा चुका है।

कलेक्टर ने कहा कि धान उठाव को तेज करने के लिए मार्कफेड के एमडी से लगातार पत्राचार और चर्चा की जा रही है, ताकि जल्द से जल्द उठाव हो सके और खरीदी प्रक्रिया सुचारू बनाई जा सके। साथ ही दैनिक खरीदी लिमिट बढ़ाने के लिए भी सतत प्रयास किए जा रहे हैं।


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