गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 10 दिसंबर। नगर में दिगंबर जैन समाज का दिन ऐतिहासिक रहा। जैन मंदिर शांतिनाथ जिनालय के 99 वर्ष पूर्ण होकर शताब्दी वर्ष में प्रवेश हुआ, इस अवसर पर आज प्रात: 6 बजे से बाल ब्रह्मचारी पंकज भैया जी के निर्देशन में अभिषेक, शांति धारा, शांतिनाथ भगवान की पूजन व शांतिनाथ विधान सानंद संपन्न हुआ।
प्रात: 6.30 बजे बाल ब्रह्मचारी पंकज भैया जी ने बेदी शुद्धि, स्थल शुद्धि, पात्र शुद्धि करते हुए मूल नायक 1008 शांतिनाथ भगवान का महामस्ताभिषेक मंत्र उच्चारण के साथ कराया। शांतिनाथ भगवान के अभिषेक के लिए प्रथम चार कलश की बोली हुई जिसमें प्रथम कलश नीरज श्वेता गंगवाल परिवार, द्वितीय कलश संजय प्रफुल्ल पाटनी, तृतीय कलश अभय कुमार नितूल अतुल परिवार व चतुर्थ कलश निखिलेश नीलम नितिन निश्चल आर्जव जैन परिवार को मिला। वहीं शांति धारा के लिए प्रथम कलश किशोर अमित, अग्रिम, अध्ययन सिंघई परिवार द्वितीय कलश शीलचंद प्रभात कुमार जैन परिवार तृतीय कलश सुमत प्रकाश सन्मति जैन परिवार और चतुर्थ कलश योगेश मेहुल रांवका परिवार को प्राप्त हुआ एवं महाआरती का सौभाग्य जिनेंद्र कुमार सुजय जैन परिवार को प्राप्त हुआ।
साल भर णमोकार मंत्र का जाप
इसके पश्चात मूलनायक शांतिनाथ भगवान की पूजन एवं शांतिनाथ विधान संगीतमय वाद्य यंत्रों के साथ भक्ति भाव पूर्वक संपन्न की गई। उक्त आयोजन में समाज के सभी लोगों ने हिस्सा लिया और 1008 जिंनसहस्त्रनाम मंत्रो के साथ कलशों से महामस्तकाभिषेक किया । संध्या के समय जिनेंद्र सुजय के निवास से गाजे बाजे के साथ महा आरती मंदिर जी में लाई गई। जी की आरती के पश्चात शांतिनाथ भगवान जी का चालीसा, जाप एवं णमोकार मंत्र का जाप हुआ, जिसमें समाज के सभी लोग शामिल हुवे। समाज के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अखिलेश जैन ने बतलाया कि प्रतिदिन रात्रि 8 से 8रू30 बजे तक ,पूरे साल भर मंदिर जी में शांतिनाथ भगवान का चालीसा व जाप एवं णमोकार मंत्र का जाप किया जाएगा।