गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 6 जून। विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में वन परिसर के अंतर्गत विभिन्न प्रजातियों का वृक्षारोपण किया गया। वहीं दिन भर के लिए वनों के संरक्षण संवर्धन हेतु डीएफओ लक्ष्मण सिंह के द्वारा एक परिचर्चा का आयोजन किया गया एवं गोष्ठी में जिले के विभिन्न वन अधिकारी कर्मचारी उपस्थित होकर अपने विचार रखें।
इस अवसर पर गोष्ठी में उपस्थित एसडीओ मनोज चंद्राकर प्रशिक्षु आईएफएस हिमांशु एसडीओ राजेन्द्र कुमार सोरी,वन परिक्षेत्र अधिकारी गरियाबंद नदीम कृष्णा बरिहा, उप प्रबंध संचालक अतुल श्रीवास्तव, रेंजर धीरेंद्र साहू तरुण तिवारी, सँतोष चौहान, बीएल सौरी, कामता मरकाम के वन साथ ही विभिन्न अधिकारी कर्मचारियों ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई।
इस अवसर पर डीएफओ लक्ष्मण सिंह ने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि उनके अल्पकाल कार्यकाल में तेंदूपत्ता जैसे शासन के कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक संपन्न किया गया, जिसमें शासन के द्वारा 36 करोड़ रूपया का ऑनलाइन आमजनो तक भुगतान पहुंचाया गया यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, साथ ही चिरौंजी लाख पालन व अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से आम जनों को 42 लाख तक भुगतान किया गया। यह एक उल्लेखनीय बात रही है इसके लिए उन्होंने विभिन्न प्रबंधक एवं रेंजर एवं वन अमला के लोगों को बधाई दी उन्होंने उपस्थित वन अमले से अनुरोध किया कि आप विभिन्न विकास कार्यों को कैसा अंजाम तक पहुंचाये लोगों को कैसा रहता मिले शासन की राशि को किस तरह आम जनों तक पहुंचाया जाए, जिससे हम लोगों को राहत मिले और वन विभाग की विश्वसनीय बढ़े और वन विभाग का विश्वास किसानऔर आम जनों के प्रति बढ़े हम कंधे से कंधा मिलाकर इस जिला और प्रदेश को विकास की ओर अग्रसर कर सकें। इस संबोधन के साथ ही विभिन्न अधिकारी कर्मचारियों ने अपने संबोधन में प्रदेश के विकास के लिए वन कर्मचारियों को सतत सतर्क व सहयोग देने की अपील की।
इस अवसर पर डीएफओ लक्ष्मण सिंह ने लोगों को सुझाव देते हुए कहा कृषकों के निजी भूमि पर वाणिज्यिक प्रजातियों के वृक्षारोपण। सहयोगी संस्था / निजी कम्पनियों के माध्यम से वृक्षों की वापस खरीद। सहयोगी संस्था / निजी कम्पनियों के द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे।समर्थन मूल्य के माध्यम से कृषकों को सुनिश्चित आय। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा फलदार और छायादार पौधों का रोपण कर वन एवं पर्यावरण सुरक्षा का संकल्प लिया।