गरियाबंद

उगते सूर्य को अघ्र्य, परिवार की सुख-समृद्धि की कामना
20-Nov-2023 2:41 PM
उगते सूर्य को अघ्र्य, परिवार की सुख-समृद्धि की कामना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

नवापारा-राजिम, 20 नवंबर। पूर्वांचलवासियों ने सूर्य उपासना का छठ पर्व धूमधाम से मनाया गया। छठ पूजा कार्यक्रम में विधायक धनेन्द्र साहू, पूर्व कृषिमंत्री चंद्रशेखर साहू, अभनपुर भाजपा प्रत्याशी इंद्र कुमार साहू सहित स्थानीय नेताओं ने त्रिवेणी संगम तट पहुंचकर छठ माता का पूजा अर्चना कर क्षेत्र एवं प्रदेश के सुख शांति की कामना की।

इस अवसर पर पूजा में नगर पालिकाध्यक्ष धनराज मध्यानी, नपा के पूर्व अध्यक्ष विजय गोयल नपा के पूर्व उपाध्यक्ष जीत सिंग, पार्षद संध्या राव, अजय कोचर, नागेन्द्र वर्मा, मुकुंद मेश्राम, धीरज साहू सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी व भाजपा कार्यकर्ता और उत्तर भारतीय परिवार के लोग उपस्थित थे।

इधर छठ पूजा विधान के लिए उपासक स्थानीय त्रिवेणी तट पर नगर सहित अंचल के उत्तर भारतीय परिवार की व्रती महिलाएं सूर्यास्त का अघ्र्य देने जुटीं। इस दौरान विभिन्न छठ गीत जैसे हम करेली छठ बरतिया से उनखे लाकी, चार कोना के पोखरवा जैसे गीत गाकर व्रत धारण की महिलाओं ने सुबह उगते सूर्य को जल एवं पूजन सामाग्री से अघ्र्य देकर छठ पर्व का विधान पूरा किया। व्रत धारण की महिलाओं ने भगवान सूर्य उपासना कर परिवार की सुख समृध्दि की प्रार्थना की। इसके बाद उन्होंने पारणा किया। छठ दौरा जिसमें नई टोकरी, सूपा, सभी प्रकार के फल, गन्ना, मूली, ठेकुआ शामिल होता है। उसे परिवार के मुखिया पुरुष अपने सर पर रखकर पूजन स्थल तक लाते हैं। उपवास करने वाली व्रती महिलाएं नए कपड़े धारण करके ही पूजन करती है।

छठ सेवा समिति से जुड़े प. कामेश्वर तिवारी ने बताया कि संध्या अघ्र्य के दौरान पूरा परिवार एक साथ नदी के किनारे उपस्थित होकर अस्तचल सूर्य को अघ्र्य देते है। अघ्र्य के समय गंगाजल का जल सूर्य देव को अर्पित किया जाता है और छठवीं मैया की पूजा प्रसाद के साथ की जाती है। सूर्य देव की पूजा के बाद रात्रि में छठ गीत गाए जाते हैं और व्रत कथा का पाठ किया जायेगा।

पिछले तीन दिनों से चल रहे विधान के अंतिम स्थानीय त्रिवेणी संगम स्थित नेहरू घाट पर छठ मैया को प्रसन्न करने मनोकामना के साथ चार दिनों का उपवास एवं पिछले 36 घण्टों से निर्जला व्रत धारण किए सुहागिन महिलायें जसगीत गाते तट पर बैठी रही। अनेक महिलाओं ने इस दौरान नदी के जल में उतर अस्त होते सूर्य को अघ्र्य दिया। जल सूर्य के अधिरक्षक देवता कहलाने के कारण इससे ही अघ्र्य देने का विधान है।

संकल्प धारण की महिलायें टोकरी एवं थाल में सजी पूजन सामाग्री को सामने रख गीत गाते छठ मैया का आवाहन कर रही थी। पारंपरिक गीतों से घाट पर अनूठा धार्मिक वातावरण बना रहा। नवापारा नगर सहित क्षेत्र जिसमें प्रमुख रूप से हनुमान एग्रो पारागांव, पिपरौद, छांटा, नवागंाव, तर्री जैसे गांवों से पहुंचे परिवार उपस्थित थे।


अन्य पोस्ट