गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 14 नवंबर। कार्तिक मास की अमावस्या में दीपावली पर आधी रात्रि महानिशीथकाल में नवापारा नगर के बस स्टैंड स्थित काली मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई। पूजा में शामिल होने नगर के कई भक्तजन पहुंचे। माँ काली मंदिर समिति के अध्यक्ष मेघनाथ साहू ने बताया कि पिछले 21 वर्षों से इस पूजन का आयोजन किया जा रहा है।
पंडित पदुम महाराज ने बताया कि इस वर्ष अमावस्या तिथि 12 नवंबर को दोपहर 2.43 बजे से प्रारंभ हुआ और अगले दिन 13 नवंबर को दोपहर 12.56 तक रहेगी। इस दौरान कार्तिक अमावस्या 12 नवंबर की मध्यरात्रि में मां काली का आह्वान एवं विशेष पूजा की गई। अमावस्या की काली रात में माता काली पृथ्वी का विचरण करने निकलती है और उनकी आराधना में लीन भक्तों की मनोकामना पूरी करती है। महानिशीथकाल में पूजा करने से घर परिवार में समृद्धि का वास होता है। अर्ध रात्रि में माता काली को बलि देने की रस्म निभाई गई लेकिन यहां पशु बलि नहीं दी जाती। बल्कि रखिया (सफेद कद्दू) से इस प्रथा को निभाया गया।
रात्रि पूजन के बाद मंदिर परिसर में 108 दीपक जलाकर मां काली को दीपदान किया गया। 4 घंटे चले इस पूजन के पश्चात अंत में यज्ञ हवन कर पूजा संपन्न की गई। पं. पदुम महाराज द्वारा यह पूरा पूजन कार्यक्रम सम्पन्न कराया गया। पूजा में मेघनाथ साहू, मोहन पाटकर, डॉ मोहन सोनकर, शिवराज देवांगन, धीरज साहू, विष्णू चांदवानी, दिलीप यादव, अनमोल चांदवानी, मन्नू तारक, प्रकाश मेश्राम, सुशील निषाद, उत्तम देवांगन, श्रीकांत साहू सहित अन्य भक्तगण शामिल हुए थे।