गरियाबंद

शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया-पं. ब्रम्हदत्त शास्त्री
28-Oct-2023 3:45 PM
शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया-पं. ब्रम्हदत्त शास्त्री

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

नवापारा-राजिम, 28 अक्टूबर। शरद पूर्णिमा पर आज साल का अंतिम चंद्रग्रहण लगने वाला है। पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री ने बताया कि खण्ड ग्रास के रूप में पडऩे वाला यह चंद्र ग्रहण भारत देश में दिखाई देगा, इसलिए ग्रहण संबंधी विधान सभी देशवासियों पर लागू होंगे।

इस समय प्रारंभ होगा सुतक

पंडित जी ने बताया कि यह विशुद्ध खगोलीय घटना है जिसका ज्योतिष शास्त्रीय व धार्मिक महत्व भी है। उन्होंने बताया कि यह ग्रहण आज रात्रि 01.05 पर प्रारम्भ होगा और 02.23 पर समाप्त हो जायेगा। इसका सूतक आज शनिवार शाम 04.05 मिनट से लगेगा। सूतक लगते ही हमें भोजन, स्नान, हवन, देव मूर्तियों का, ग्रंथों का स्पर्श वर्जित कर देना चाहिए। ग्रहण काल में देव गुरु आदि के मंत्रों का जाप करना चाहिए। सूतक लगने के पूर्व खाने पीने की चीजों में तुलसी या कुश डाल देना चाहिए।

किस राशि पर क्या होगा असर

यह ग्रहण अश्विनी नक्षत्र पर मेष राशि पर पड़ रहा है। पंडित जी ने बताया कि मेष, वृष, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर और मीन राशि वालों के लिए कष्ट कारक और मिथुन, कन्या और कुम्भ राशि वालों के लिए लाभ दायक होगा

ग्रहण के बाद करें ये काम

ग्रहण काल के समय कई बातों का ध्यान रखना जरूरी है, वहीं ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान, दान आदि का विशेष महत्व है। शरद पूर्णिमा को खीर बनाने और चांदनी रात में उसे रखने और खाने का बड़ा महत्व बताया जाता है। क्योंकि शरद पूर्णिमा के दिन चांद 16 कलाओं से आलोकित होता है इसलिए उसकी किरणों में अमृत की तरह से औषधीय गुण आ जाते हैं। रात में खुले आसमान के नीचे खीर रखने से खीर अधिक पौष्टिक हो जाती है किंतु ग्रहण के चलते यह करना शुभ नहीं होगा, खीर प्रदूषित और अपवित्र हो जायेगी। ज्यादा अच्छा होगा कि ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान आदि करके खीर बनाई जाए और फिर उसे छत पर रख दिया जाय।


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