दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 1 जुलाई। प्रदेश के किसान खरीफ फसल की बुआई और किसानी कार्य में जुट चुके हैं। लेकिन सरकार की लापरवाही के चलते किसानों को समय पर खाद-बीज उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
सहकारी समितियों में इन दिनों खाद-बीज की भारी कमी देखी जा रही है, जिससे किसानों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे चिंताजनक स्थिति डीएपी खाद को लेकर है। सरकार किसानों को डीएपी खाद उपलब्ध कराने में विफल रही है। इसके स्थान पर किसानों को एनपीके खाद दिया जा रहा है, जो धान की फसल के लिए उपयुक्त नहीं है। धान को सबसे अधिक फास्फोरस की आवश्यकता होती है, जो डीएपी में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। जबकि एनपीके खाद अन्य फसलों के लिए होता है, जिसमें फास्फोरस की मात्रा कम रहती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि डीएपी की जगह एनपीके खाद दिए जाने से धान की पैदावार में करीब 30 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। यह किसानों के लिए एक बड़ा आर्थिक झटका होगा। किसानों और कृषि विशेषज्ञों ने मांग की है कि सरकार इस समस्या को गंभीरता से ले और सहकारी समितियों में डीएपी खाद एवं बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराए, ताकि किसानों को इस खरीफ सीजन में नुकसान न उठाना पड़े।
इस संबंध में अंजोरा चौकी पुलिस आशीष राजपूत,सुरेश रात्रे,टोमन देशमुख, बृजमोहन ,लक्ष्मण राव की मौजूदगी में किसानों ने मांग की है। ग्रामीण किसान मोहन हरमुख, देवराज चतुर्वेदी, तारक सिन्हा, देवलाल बेलचंदन, नर्मदा देशमुख, लुकेश चक्रधारी, अंजोरी चक्रधारी, राजेन्द धनकर, ईश्वरी देशमुख मौजूद थे।