दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 23 मार्च। नगर निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत वार्ड 21 सिंधिया नगर, हनुमान नगर से लेकर अन्य जगहों पर तक 30 फीट की सडक़ अतिक्रमण के कारण आधी रह गई थी। किसी ने सडक़ पर दुकान रख ली थी, तो किसी ने चबूतरा या सीढिय़ां व नाली के ऊपर गार्डन बना लीं थीं।
यही कारण था कि आवागमन में लोगों को समस्या का सामना करना पड़ता था। इस संबंध में लोगों ने नगर निगम महापौर अलका बाघमार एवं निगम के अधिकारियों को सूचित किया। मामला संज्ञान में आने के बाद नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते ने को वार्ड 21 से अभियान चलाकर शुरुवात की, करीब 40 से अधिक अस्थायी निर्माणों को ध्वस्त किया।
लोगों ने नगर निगम के अधिकारियों को पूर्व में सिंधिया नगर, हनुमान नगर सहित क्षेत्र से लेकर अन्य जगहों तक नालियों पर स्थायी निर्माण कर लिए जाने की शिकायत की थी। शिकायत पर नगर निगम के अधिकारियों ने जांच कराई तो शिकायत सही पाई गई। इस पर नगर निगम ने अतिक्रमण को हटाने लिए अमला पहुची, इसमें शनिवार को अभियान चलाने के लिए रणनीत तैयार की गई।
निगम जेसीबी के पहुंचा और और लगभग स्थायी निर्माण को हटाया गया। इसमें लोगों द्वारा अपने घरों एवं दुकानों के सामने बनाए गए चबूतरा, गार्डन, तार फेंसिंग, चबूतरा एवं दुकान आदि शामिल हैं। पूर्व पार्षद अरुण सिंह द्वारा नगर निगम प्रशासन से उल्लेखित स्थल से अतिक्रमण हटाए जाने की मांग काफी पहले ही की गई थी।
पूर्व पार्षद अरुण सिंह द्वारा नगर निगम प्रशासन को अवगत कराया गया था कि लोगों के द्वारा नालियों के ऊपर बनाए गए स्थायी निर्माण की वजह से, नालियों की सफाई भी नहीं हो पाती है।
अपने मकान सीमा के आगे ज्यादा घेरे है उस पर कार्यवाही होना तए है सुनिश्चित है इसके लिए जिला कलेक्टर अभिजीत सिंह, महापौर एवं आयुक्त सुमित अग्रवाल ने साफ़ निर्देश दिया है। सडक़ सीमा पर अतिक्रमण पर कोताही बर्दस्त नहीं होगी। सडक़ चौड़ीकरण होंगे। कार्रवाई के दौरान बाधा डालने वालों पर कानूनी कार्रवाही की जाएगी। अतिक्रमण अभियान के दौरान सैकड़ो की संख्या में लोग जेसीबी के आगे एवं पीछे डटे रहे तथा नगर निगम के कार्रवाई पर पैनी नजर बनाए रखी गई। नाला-नाली पर किए गए स्थायी अतिक्रमण के प्रति नगर निगम के सख्त रुख को देखकर बहुत से लोग स्वयं ही अपना अतिक्रमण हटाने लगे।
नगर निगम द्वारा निष्पक्षता पूर्ण कार्रवाई किए जाने पर स्थानीय व्यापारियों एवं निवासियों द्वारा अतिक्रमण अभियान को अपना समर्थन दिया गया। निगम द्वारा नाला एवं नाली पर किए गए स्थायी अतिक्रमण पर सख्त रुख अपील करते हुए कहा गया है कि इस प्रकार की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।