दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 21 मार्च। तापमान में वृद्धि को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि संपूर्ण विश्व में जलवायु परिवर्तन के कारण वैश्विक तापमान में औसत रूप से वृद्धि हुई है, जिसके कारण छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों में मार्च से जून 2025 के दौरान भीषण गर्मी पडऩे एवं लू चलने की संभावना हैं। गर्मी के कारण जन मानस के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है। इसके चलते लू लगना एवं मौसमी जलजनित संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढऩे की संभावना बनी रहती है। उन्होंने कहा है कि गर्मी के कारण लू लगने से बचाव तथा जलजनित संक्रामक बीमारियों से बचाव, रोकथाम एवं उपचार के लिए पूर्व से तैयारियां किया जाना अत्यंत आवश्यक है। इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं।
राज्य के सभी शासकीय चिकित्सालय में लू के प्रबंधन के लिए निर्देश जारी किये गए हैं। प्रत्येक अस्पतालों में कम से कम दो बिस्तर इन मरीजों के लिए आरक्षित किया जाना है। बाह्य रोगी विभाग में आने वाले सभी मरीजों में लू के लक्षण की जांच अवश्य करना है। वार्ड में शीतलता हेतु कूलर अथवा अन्य उपाय किया जाना है। बाह्य रोगी कक्ष में बैठने की उचित प्रबंध के साथ ठंडे पेय जल की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक मरीज को लू से बचाव की जानकारी अनिवार्य रुप से दी जाए, कि प्यास अनुसार पानी अवश्य पीए। छोटे बच्चों को कपड़े से ढककर छाया वाले स्थान पर रखे। प्राथमिक उपचार कक्ष में ओ.आर.एस. कार्नर बनाया जाये। बाह्य रोगी के ऐसे मरीज जिन्हें उपचार पश्चात वापसी हेतु अधिक दूरी जाना है, को आवश्यकता अनुसार ठहरने की व्यवस्था किया जावे। अत्यधिक गर्मी से पीडि़त बच्चों, वृद्धों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों के ईलाज हेतु अस्पताल में पर्याप्त व्यवस्था की जाए। लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज मुख्यतया नमक की कमी हो जाना होता है। इससे बचाव के लिए इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर न जावें। धूप में निकलने से पहले सिर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांध ले। पानी अधिक मात्रा में पीये। अधिक समय तक धूप में न रहे। गर्मी के दौरान नरम, मुलायम सूती के कपड़े पहने ताकि हवा और कपडे पसीने को सोखते रहे। अधिक पसीना आने की स्थिति में ओआरएस घोल पीये। चक्कर आने, मितली आने पर छायादार स्थान पर आराम करें तथा शीतल पेय जल अथवा उपलब्ध हो तो फल का रस, लस्सी, मठा आदि का सेवन करें। प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से नि:शुल्क परामर्श लिया जावें। उल्टी, सिर दर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र में जरुरी सलाह लिया जायें।