दुर्ग

छत्तीसगढ़ के छात्रों के लिए अंतरिक्ष विज्ञान में करियर का सुनहरा अवसर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुम्हारी, 8 मार्च। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने द आईसीएफएआई विश्वविद्यालय, रायपुर (कुम्हारी) को अपना नोडल सेंटर बनाया है। इस महत्वपूर्ण साझेदारी के माध्यम से, छत्तीसगढ़ के विद्यार्थी अब इसरो और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (आईआईआरएस), देहरादून द्वारा संचालित ऑनलाइन आउटरीच प्रोग्राम का लाभ उठा सकेंगे और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अपना करियर बना सकेंगे।
आईआईआरएस इसरो आउटरीच कार्यक्रम का संचालन द आई सी एफ ए आई विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग द्वारा किया जाएगा। इस कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए, विश्वविद्यालय के डॉ. अनिमेष कुमार शर्मा, विभागाध्यक्ष, फैकल्टी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग को सेंटर कोऑर्डिनेटर एवं दिलीप मिश्रा, सहायक प्राध्यापक, फैकल्टी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग को असिस्टेंट कोऑर्डिनेटर के रूप में नियुक्त किया गया है।
ऑनलाइन शिक्षा एवं नि:शुल्क कोर्स
द आई सी एफ ए आई विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ. एस. पी. दुबे ने बताया कि इस सेंटर के माध्यम से प्रदान की जाने वाली शिक्षा पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। इसरो द्वारा इंटरेक्टिव मोड और रिमोट सेंसिंग, भौगोलिक सूचना प्रणाली, नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम और इससे संबंधित टेक्नोलॉजी के सर्टिफिकेशन कोर्स पूरे वर्ष भर कराए जाएंगे। विश्वविद्यालय के सभी छात्रों के लिए यह कोर्स नि:शुल्क होगा, जिसमें किसी भी संकाय के विद्यार्थी शामिल हो सकेंगे। इसके साथ ही, पूरे प्रदेश के किसी भी कॉलेज व विश्वविद्यालय के विद्यार्थी इस कोर्स से जुड़ सकते हैं।
सेंटर की कार्यप्रणाली एवं महत्वपूर्ण जानकारी
सेंटर किस तरह से काम करेगा- इसरो का यह सेंटर पूरी तरह से ऑनलाइन मोड पर चलेगा, जिसमें लाइव क्लासेस और रिकॉर्डेड क्लासेस दोनों के माध्यम से विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। सेंटर की वर्किंग कब से शुरू होगी- सेंटर पूरी तरह से कार्यरत है और अब आगे क्लासेस की तैयारी की जा रही है।
कौन से स्टूडेंट्स सेंटर से जुड़ सकेंगे- सेंटर के ऑनलाइन कोर्सेज अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, रिसर्च स्कॉलर, वर्किंग प्रोफेशनल्स, टीचर्स आदि सभी के लिए उपलब्ध हैं।
स्टूडेंट किस तरह सेंटर से जुड़ सकेंगे- विद्यार्थी ऑनलाइन एचटीटीपीएस एलर्निंग. आईआईआरएस.गोव.इन लिंक पर जाकर पोर्टल पर रजिस्टर कर सकते हैं। यहां वे अपनी रुचि के अनुसार कोर्स का चयन कर सकते हैं, जिसके बाद नोडल सेंटर की स्वीकृति के बाद कोर्स प्रारंभ किया जा सकेगा।
इससे स्टूडेंट्स को क्या फायदा होगा- विद्यार्थियों को बिना किसी शुल्क के रिमोट सेंसिंग, नेविगेशन, सैटेलाइट सिस्टम, पाइथन, मशीन लर्निंग और कई तरह के एडवांस कोर्स करने का अवसर मिलेगा। कोर्स पूरा होने के बाद इसरो द्वारा सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों के जॉब और रिसर्च के रास्ते मजबूत होंगे। साथ ही, विद्यार्थियों को पेड इंटर्नशिप के लिए भी चुना जा सकता है।
इसरो और द आई सी एफ ए आई विश्वविद्यालय की यह संयुक्त पहल छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों के लिए अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने और उज्जवल भविष्य बनाने का एक शानदार अवसर है।