दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 19 सितंबर। सामाजिक स्वाध्याय के प्रबल प्रेरक गुरुदेव शीतल राज जी महाराज के सानिध्य में हर्ष और उल्लास के वातावरण में आध्यात्मिक वर्षा वास गतिमान है देश के विभिन्न शहरों से गुरुदेव के दर्शन वंदन के लिए गुरु भक्त परिवार दुर्ग पहुंच रहे हैं।
प्रत्येक रविवार की तरह इस रविवार को भी गुरुदेव शीतल मनी की पावन प्रेरणा से 220 श्रावक स्राविकाओं, युवक-युवतियों ने एक साथ सामूहिक दया व्रत किया जिसमें एक साथ 11 समायिक की आराधना करनी होती है।
दया व्रत करने वाले तपस्वियों ने सामाजिक वेशभूषा में एक दिन जैन साधु साध्वियों की तरह जीवन जिया चतुर मांस लगने के बाद इतनी बड़ी संख्या में एक साथ दया व्रत करने वाले साधक जय आनंद मधुकर रतन भवन बांदा तालाब दुर्ग में उपस्थित थे।
तप एवं संयम साधना गतिमान
जय आनंद मधुकर रतन भवन के प्रांगण में ताप एवं संयम साधना की तपस्या चातुर्मास लगने के बाद से ही चल रही है, जिसमें 51, 31, 15 ,18, 11,9 ,8 उपवास की तपस्या गुरुदेव के सानिध्य में संपन्न हुई छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग तक हर कोई किसी न किसी तपस्या के संकल्प के साथ जीवन जी रहा है।
आचार्य सम्राट जयमल जी महाराज का जाप अनुष्ठान
12 सितंबर सेपयुर्षण पर्व की आराधना प्रारंभ है उसी क्रम में प्रतिदिन रात्रि 8.15 से 9.15 बजे तक आचार्य सम्राट जयमल जी महाराज के जाप अनुष्ठान निर्विघ्न संपन्न हो रहा है जिसमें बड़ी संख्या में जैन समाज के सभी वर्ग के लोग अपनी हिस्सेदारी निभा रहे हैं। शायर देवी उत्तमचंद भंडारी परिवार इस जाप अनुष्ठान के प्रायोजक हैं।
सामाजिक स्वाध्याय के प्रबल प्रेरक शीतल मुनि जी के सानिध्य में सामायिक स्वाध्याय सम्मेलन दुर्ग शहर के अंदर आयोजित होने वाला है, जिसमें भाग लेने वाले सभी साधक समायिक की वेशभूषा में उपस्थित रहेंगे देश के विभिन्न शहरों से भाग लेने गुरु भक्त परिवार दुर्ग आएंगे यह आयोजन जय आनंद मधुकर रतन भवन के प्रांगण में आयोजित होने वाला है।