धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 4 जुलाई। महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत गठित जिला बाल कल्याण परिषद, जिला बाल संरक्षण समिति सहित विभाग की फ्लैगशिप योजनाओं सहित विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा कलेक्टर पी.एस. एल्मा ने बैठक लेकर की।
इस दौरान उन्होंने सूखा राशन (रेडी टू ईट) निर्माण एवं पैकेजिंग कार्य की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि सेक्टर सुपरवाइजरों को यह भी सुनिश्चित करना है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में बंटने वाले रेडी टू ईट सहित अन्य खाद्यान्न सामग्री के तैयार होने से लेकर पैकेजिंग के दौरान सही मात्रा व निर्धारित गुणवत्ता के अनुरूप होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इसके निर्माण से लेकर समुचित वितरण तक की मॉनिटरिंग सुपरवाइजर्स अनिवार्य रूप से करेंगी।
कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने विभिन्न एजेण्डों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि यह राज्य शासन की फ्लैगशिप अभियान है और कुपोषित बच्चों को सामान्य स्थिति में लाना विभाग की पहली प्राथमिकता है। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका महत्वपूर्ण होती है इसलिए निचले स्तर पर समेकित व समन्वित प्रयास करें, जिससे कुपोषण स्तर में कमी लाई जा सके।
सॉफ्टवेयर में हितग्राहियों की एमआईएस एंट्री नहीं होने पर उन्होंने मगरलोड तथा कुरूद विकासखण्ड के परियोजना अधिकारी को इसे शीघ्रता से पूर्ण कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा पोषण वाटिका की समीक्षा करते हुए कहा कि जिन केन्द्रों में बाउण्ड्री वॉल तथा फेंसिंग की सुविधायुक्त हैं वहीं पर अधिक प्लांटेशन के लिए फोकस करें व शेष केन्द्रों में ज्यादा से ज्यादा फलदार पौधे लगाकर स्थानीय सहयोग से फेंसिंग कराने का प्रयास करें। आगामी वजन त्यौहार की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने सभी केन्द्रों में वजन मशीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा पालकों की सक्रिय सहभागिता के लिए उन्हें केन्द्रों में आमंत्रित करने के लिए निर्देशित किया। साथ ही स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के आंकड़ों में प्राय: अंतर पाए जाने को लेकर कहा कि दोनों विभागों के आंकड़ों में समानता होनी चाहिए।
बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री एमडी नायक ने बताया कि जिले में स्वीकृत 1106 आंगनबाड़ी केन्द्रों के विरूद्ध 1102 केन्द्र संचालित हैं जिनके युक्तियुक्तकरण के बाद निर्धारित मापदण्ड पूरा न करने पर चार केन्द्रों को बंद किया गया। इसके अलावा कलेक्टर ने पूरक पोषण आहार, वजन त्यौहार, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, नोनी सुरक्षा योजना, कोविड-19 टीकाकरण की स्थिति, छत्तीसगढ़ महिला कोष योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना एवं दिशा दर्शन योजना, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, पोषण पुनर्वास केन्द्र सहित विभिन्न योजनाओं व विभागीय गतिविधियों की कलेक्टर ने समीक्षा करते हुए गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन पर बल दिया।
बालगृह के बच्चों को दिया जाएगा कौशल विकास प्रशिक्षण
इसके पहले, कलेक्टर एल्मा ने जिला बाल संरक्ष़्ाण समिति की बैठक लेकर निर्देशित किया कि बाल गृह में निवासरत बच्चों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराने और ट्यूशन के लिए शिक्षक की व्यवस्था की जाए। साथ ही 14 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के बच्चों के कौशल उन्नयन के लिए उनकी काउंसिलिंग कर रूचिनुसार पाठ्यक्रम में प्रशिक्षण दिया जाए। इसके अलावा मदिरालयों तथा पान ठेलों में सूचना पटल अनिवार्य रूप से लगाकर नशे से होने वाली हानि से उन्हें अवगत कराने के लिए कलेक्टर ने निर्देशित किया तथा इस कार्य में आबकारी विभाग से समन्वय स्थापित करने की बात कही। उन्होंने निजी नर्सिंग होम में शिशु पालना केन्द्र स्थापित करने के भी निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिए। इसी तरह श्रम विभाग द्वारा 14 वर्ष से कम उम्र के किशोरों से कार्य कराने की शिकायत मिलने पर की गई कार्रवाई के बारे में कलेक्टर ने संबंधित संस्थानों को नोटिस जारी करने के लिए निर्देशित किया। इसके अलावा कलेक्टर ने सखी वन स्टॉप सेंटर की गतिविधियों की जानकारी ली।
बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सतीश खाखा, एएसपी मनीषा ठाकुर, जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक सहित चारों विकासखण्ड के परियोजना अधिकारी तथा आंगनबाड़ी पर्यवेक्षक उपस्थित थीं।