धमतरी

अस्तित्व खो रहे तालाब की आर्थिक मदद-श्रमदान से गहरीकरण और सौंदर्यीकरण
25-Jun-2021 6:54 PM
 अस्तित्व खो रहे तालाब की आर्थिक मदद-श्रमदान से गहरीकरण और सौंदर्यीकरण

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

नगरी, 25 जून। नगर पंचायत नगरी के वार्ड नं 01 चुरियारा डीही के शीतला मंदिर माता तालाब का वार्ड के निवासियों ने मिलकर स्वैच्छिक रूप से आर्थिक सहयोग देकर न केवल तालाब को सहेजने का कार्य किया, अपितु जल संचय के लिए गहरीकरण भी किया है, जो नगर के लिए एक मिसाल है।

यह तालाब बहुत पुराना है, जो अपने अस्तित्व को खो रहा था, लेकिन वार्ड के उत्साही नागरिकों, पर्यावरण प्रेमियों की एक सोच ने तालाब की दशा ही बदल दी है। इस वार्ड के नागरिकों ने न केवल तालाब को स्वच्छ रखने बल्कि सौंदर्यीकरण करने का भी फैसला लिया, जिसके तहत पिछले वर्ष तालाब के चारो ओर फूलदार, छायादार, पत्तीदार, शोदार सैकड़ों पौधों का रोपण किया गया था तथा सुरक्षित रखने ट्री गार्ड भी लगाया गया है।

इस वर्ष ग्रीष्मकाल में डेढ़ एकड़ के तालाब का गहरीकरण किया गया, जिससे ज्यादा मात्रा में जल संचय हो सके। इस तालाब को संरक्षित तथा संवर्धित करने के लिए वार्डवासी एकजुट हो चुके हैं, जिसके वजह से ही तालाब के सौंदर्य में चार चांद लग रहे हंै।

तालाब के चारों ओर स्वयं के खर्च से स्ट्रीट लाइट भी लगाया गया। पाथवे पर रेस्ट चेयर भी लगाया जा रहा है। इस तालाब को न केवल सुरक्षित रखने अपितु सौंदर्यीकरण के साथ आकर्षक बनाने का जिम्मा वार्ड के निवासियों ने उठाया है।

तालाब में मछलीपालन पर रोक लगाने तथा निस्तारी सुविधाओं के साथ तालाबपार में क्रांकीटीकरण करने, पचरी बनाने की मांग नगर पंचायत से किया गया है। तालाब परिसर के आसपास के रहवासियों के सामूहिक प्रयास ने पूरे वार्ड के नागरिकों को जोडक़र रखा है, जिनके प्रयास से चंदे से राशि इक_ा कर श्रमदान करके विलुप्त होने के कगार पर रहे इस तालाब को नया जीवन दान दे दिया गया है, जो अब एक विशाल तालाब के रूप में परिवर्तित हो गया। इस तालाब कीे सतत साफ सफाई करने एवं स्वच्छ रखने का संकल्प लिया गया तथा तालाब परिसर को भी आकर्षक सुसज्जित करने का बीड़ा उठाया गया है।

इस सराहनीय कार्य को करने वालों में अश्वनी धु्रव, बी आर धु्रव, गजेंद्र नेताम, डोमार सिंह धु्रव, पूर्व पार्षद संतोष गंगेश,डी एस धु्रव, के पी साहू, किशन नेताम, रामभुवन मारकोले, वीरेंद्र मरकाम,एल्डरमेन भरत निर्मलकर, खम्मन गंजीर, सुखुराम छेदैय्या, प्रीतम मंडावी, पूनमचंद ठाकुर, शिव मरकाम, राजकुमार शील, एम के बोर्झा, एल आर नागेश, विजय शंकर धु्रव, योगेंद्र राजपूत,भोला शर्मा, दिनेश साहू, डिगेश साहू, उमेंद्र मरकाम, नारायण कुंजाम, अभय धु्रव, आसत मरकाम, लोमश साहू, के एस धु्रव, मदन सेन, के पी तिवारी, शिवकुमार साहू, सुरेश सोम, सुरेश प्रजापति, आर एस मरकाम का योगदान रहा है।


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