धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 20 जुलाई। वर्षा की फुहार से नगर का खेल मेला मैदान हरियाली की चादर ओढ़ खिलाडिय़ों के साथ साथ मवेशियों को भी आकर्षित करने लगा है। जानवर तो हरे चारे का मज़ा ले रहे हैं, पर खिलाड़ी कीचड़ और आवारा मवेशियों के चलते प्रेक्टिस नहीं कर पा रहे हैं।
नगर के हृदय स्थल पर स्थित लाल बहादुर शास्त्री खेल मैदान का इतिहास काफी रोचक है। इसका अस्तित्व स्थापित करने में वर्तमान विधायक व पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर की अहम भूमिका रही है। ढाई दशक पहले युवा वाहिनी के माध्यम से इस मैदान को निखारने में उनका और उनके साथियों की अहम भूमिका रही है। खेलने के लिए वे अपने जेबखर्च और खुद मेहनत कर मैदान को तैयार करते थे। तब कहीं मैदान खेलने लायक बनता था। उस दौर से लेकर अब तक इस मैदान में काफी बदलाव हुआ है। नगर पंचायत अध्यक्ष राजकुमारी दीवान, निरंजन सिन्हा, ज्योति चन्द्राकर, रविकांत चन्द्राकर, तपन चन्द्राकर से लेकर फिर ज्योति चन्द्राकर ने अपने कार्यकाल में इस मैदान को सजाने संवारने में दिलचस्पी दिखाई। जिससे रुखा-सुखा मैदान हरियाली की चादर ओढ़ खुबसूरत हो गया। बाउंड्री वाल, सिटिंग स्टैंड, फ्लड लाइट, टर्फ विकेट, प्रेक्टिस पीच जैसी खेल सुविधा होने से मैदान में विभिन्न प्रतियोगिता होने लगी। लेकिन अक्सर रख रखाव में बरती जाने वाली लापरवाही का खामियाजा मैदान और खिलाडियों को उठाना पड़ा। कहने को तो मैदान के मुख्य प्रवेश द्वार के दोनो गेटों में तालेबंदी की गई है,ताकि असामाजिक तत्व और जानवर प्रवेश कर मैदान को खराब न कर सके। पर नशेड़ी और मंदु भाई यहाँ पार्टी-शार्टी कर कचरा और कांच छोड़ जाते हैं। हरे चारे के लालच में घुसे मवेशी गोबर से अपना परिचय देते रहते हैं। जिसके चलते खेलप्रेमियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्रतिदिन सुबह व शाम जूनियर खिलाड़ी यहां प्रैक्टिस करते है। लेकिन इन दिनों उन्हें मैदान के कीचड़ और अवारा पशुओं के चलते खेल एक्टिविटी करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इस बारे में सीएमओ महेन्द्र गुप्ता का कहना है कि सारी व्यवस्था की गई है, लेकिन कुछ गैर जिम्मेदारान पशुपालक जानबूझकर अपने मवेशियों को मैदान में घुसा देते हैं, इसे रोकने दो कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। अब इस तरह की शिकायत नहीं होगी।