धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 19 जुलाई। कुरुद एवं मगरलोड जनपद पंचायत के लिए चुने गए 30 जनपद सदस्यों को तीन दिवसीय आवासीय आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मास्टर ट्रेनरों द्वारा पंचायत राज अधिनियम, 73 वां संविधान संशोधन, ई गवर्नेंस, मनरेगा, एसबीएम, पीएमएवाय जैसी योजनाओं के बारे में बताया गया।
क्षेत्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास प्रशिक्षण केन्द्र कुरुद में तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर में कुरुद जनपद के 23 एवं मगरलोड के 7 जनपद सदस्यों ने भाग लिया। संस्था प्रमुख हेमंत ठाकुर, प्रशिक्षण प्रभारी विरेन्द्र सिंह ठाकुर, तुकाराम ध्रुव, उदय कामड़े, वंदना साहू, चुडा़मणी देवांगन, आशालता, विनोद दीवान, सुमीत भट्ट, पुरुषोत्तम साहू आदि ट्रेनर्स ने पंचायत राज अधिनियम, 73 वां संविधान संशोधन, ई गवर्नेंस, मनरेगा, एसबीएम, पीएमएवाय, एनआरएलएम, केन्द्र एवं राज्य की योजनाएँ, वनोपज का संग्रह, पेयजल, निर्माण कार्यों की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति, मानक, लागत, गुणवत्ता, मुल्यांकन, सत्यापन, परिपत्र संधारण के बारे में जानकारी दी। इसके पूर्व स्थाई समिति पेशा नियम, लेखा बजट, अंकेक्षण, आक्षेप निराकरण, अधिकारियों से समन्वय, कामकाज संचालन प्रक्रिया एवं कृत्य के बारे में बताया गया। इसके अलावा जीपीडीपी, बीपीडीपी, डीपीडीपी, ओएसआर, पीएआई,टीएमपी के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे जनपद सभापति चन्द्रशेखर साहू, सिन्धु बैस, एवन साहू, आनंद यदु, शकुन्तला देवांगन, महेश ध्रुव ने बताया कि तीन दिनों में हमें बहुत कुछ सीखने को मिला। पंचायत राज व्यवस्था में जनप्रतिनिधियों की भूमिका और प्रशानिक तंत्र से तालमेल बिठाते हुए अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास को कैसे आगे बढ़ाना है, यह सब हमने सीखा है। स्वच्छता और पेयजल की गंभीरता भी हमें प्रशिक्षण के बाद ही समझ आई है। कुल मिलाकर कहा जाए तो नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को इस तरह की ट्रेनिंग जरूर लेना चाहिए।
कुछ सदस्यों ने भोजन एवं आवास व्यवस्था की गुणवत्ता में सुधार की जरूरत बताते हुए कहा कि हम तो कुरुद क्षेत्र के ही हैं, लेकिन दुसरे जिले से आने वाले प्रशिक्षणार्थियो को यहाँ की व्यवस्था को लेकर कोई शिकायत हुई तो कुरुद की बदनामी होगी। इसलिए इसमें अविलंब सूधार की जरूरत है।