धमतरी

पहली बरसात में बह गया मेघा पुल का डायवर्सन रोड
07-Jul-2025 2:53 PM
पहली बरसात में बह गया मेघा पुल का डायवर्सन रोड

बाइक सवार जान जोखिम में डाल कर रहे नदी पार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कुरुद, 7 जुलाई। महानदी पर बने मेघा पुल के धंसकने के करीब सौ दिन बाद सेतु निगम ने यातायात का अस्थायी इंतजाम करते हुए लाखों की लागत से डायवर्सन रोड़ का निर्माण कराया था, जो पहली ही बारिश में बह गया। निर्माणाधीन अवस्था में ही क्षेत्र के कुछ जागरूक लोगों ने इसकी गुणवत्ता को लेकर शिकायत की थी लेकिन प्रशासन ने ध्यान नही दिया। नतिजन मामूली बरसात में ही मिट्टी से तैयार सडक़ बह गई, जिससे इस मार्ग में फिर से यातायात बाधित हो गया है।

  गौरतलब है कि कुरुद विधानसभा को दो भागों में विभाजित करने वाला महानदी पर बना तीस साल पुराना मेघा पुल, रेत के अवैध उत्खनन में बरती गई प्रशासनिक अनदेखी की भेंट चढ़, अपनी आधी उम्र में 21 सितम्बर 2024 को धंसक गया था। इस पुल के टूटने से रोज हजारों लोगों को नदी पार करने के लिए 20-25 किलोमीटर का अतरिक्त सफर करना पड़ रहा था। पुल टूटने से दोनों ही ओर का व्यापार ढप्प पड़ गया। जिसको लेकर मेघा, मगरलोड के व्यवसायियों ने सडक़ पर उतर आंदोलन किया।

 

इस तरफ के व्यापारियों ने नेता अधिकारियों से  समस्या सुलझाने गुहार लगाई। तब कहीं जाकर प्रशासन की आंख खुली। नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में लोगों की नराजगी से बचने सरकार ने अधिकारियों को समस्या सुलझाने का निर्देश दिया। तब सेतु निगम ने फौरी तौर पर पुल के टुटे हिस्से के निचले भाग के छतिग्रस्त आप्रण को मरम्मत कर अस्थायी एप्रोच रोड़ तैयार कराया। जिसके तहत करीब 7 मीटर चौड़ा और 12-13 सौ मीटर लम्बा मिट्टी और मुरुम से सडक़ बनवाया गया। तब मेघा के गोविन्द साहू, मोहन पटेल, महेन्द्र, नीलकंठ साहू, परदेशी निषाद आदि लोगों ने इसकी गुणवत्ता को लेकर सीएम से लेकर डीएम तक शिकायत की थी।

ग्रामीणों का कहना है कि जिला प्रभारी मंत्री ने डायवर्सन रोड़ का निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये की घोषणा की थी। लेकिन अधिकारियों ने पुराने पुल के टुटे हिस्से के निचले भाग को मरम्मत कर बिना पाइप डाले एप्रोच रोड़ तैयार करवा दिया। ठेकेदार ने पास की मिट्टी और रेत से कच्ची सडक़ बना दी, जो मामूली बारिश में बह गई। इस बारे में सेतु निगम के ईई एसके गुप्ता का कहना है कि मिट्टी से बनी सडक़ को पानी में बहना ही था, इसे ठीक करने की जिम्मेदारी ठेकेदार की है, हम इसे फिर से बनवा देंगे। बहरहाल पूल धंसकने के बाद करीब साढ़े तीन महीने तक कुरुद से कटे मगरलोड क्षेत्र के लोग नेता और अधिकारियों की बातों का भरोसा कर पहले ही देख चुके हैं। अत: अबकी बार मेघा पंचायत ने एनीकट के सहारे दुपहिया वाहनों के लिए रास्ता तैयार करने का निर्णय लिया है। रविवार रात एप्रोच रोड़ बहने के बावजूद कुछ बाइक सवार अभी जान जोखिम में डाल नदी पार कर रहे हैं।।

 


अन्य पोस्ट