धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरूद, 1 जून। पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में हो रही बारिश ने किसानों के साथ आम जनजीवन को भी अस्त व्यस्त कर दिया है। कई जगह खेत खलिहान और रास्ते जलमग्न हो गएं है। भारतमाला के तहत बन रही विशाखापट्टनम सडक़ के ठेकेदारों की लापरवाही का खामियाजा परसवानी के किसान और मवेशियों को उठाना पड़ रहा है।
भारतमाला परियोजना के तहत विशाखापट्टनम सडक़ निर्माण का काम क्षेत्र में सालिमार कम्पनी द्वारा किया जा रहा है। इसमें कार्यरत ठेकेदारों की लापरवाही का खामियाजा संबंधित ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा है। ऐसे ही एक मामले में परसवानी संरपच पन्नालाल चन्द्राकर एवं पंच राधेश्याम ध्रुव, नरोत्तम साहू, दशोदा, संतोष साहू, भारती ध्रुव ने अनुविभागीय राजस्व अधिकारी को लिखित ज्ञापन सौंपकर बताया कि ग्राम पंचायत परसवानी में भारतमाला के तहत सालिमार कम्पनी द्वारा रोड निर्माण का कार्य किया जा रहा है। लेकिन संबंधित ठेकेदार पंचायत के बिना अनुमति के गौठान भूमि में लम्बे समय से हजारों ट्रिप मिट्टी मुरुम और मलमा का पहाड़ खड़ा कर रखा है। जिससे गांव के मवेशियों के लिए चारागाह की समस्या उत्पन्न हो गई है।
सडक़ किनारे लम्बी दूरी तक मलमा डम्प कर देने से किसानों को अपने खेतों तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है। जिससे गोबरा खार और भर्ती खार के सौ डेढ़ सौ एकड़ खेत में किसानी करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। आनंद तिवारी, दिलिप यादव, पुन्नराम तारक, शिवचरन साहू, दिनदयाल, ओमप्रकाश, संतोष साहू आदि किसानों ने बताया कि नई सडक़ बनने से कई जगह बरसाती पानी का प्रवाह प्रभावित हुआ है। कहीं कहीं पर नहर पानी को लेकर भी परेशानी होती है।
वर्तमान में खरिफ फसल की तैयारी चल रही हैं। इसके लिए हमें खाद बीज दवा के लिए गोबरा, सिवनीकला सोसाइटी जाना पड़ता है लेकिन नई सडक़ में मिट्टी और किचड़ होने से उन्हें आवागमन में कठिनाई हो रही है। पंचायत प्रतिनिधियों ने गांव में डम्प मिट्टी को पंचायत के हवाले करने की मांग की है। ताकि इस मिट्टी से गांव के निचले हिस्से और गढ्ढे पाटकर उसे उपयोग के लायक तैयार किया जा सके। ग्रामीणों की भावना से अवगत होने के बाद एसडीएम नभसिंह कोसले ने संबंधित निर्माण एजेंसी से बात कर जल्द समस्या सुलझाने का भरोसा दिलाया है।
ज्ञात हो कि इसके पूर्व भी ग्राम भरदा के किसान लेखराज चन्द्राकर, तुलसी, बल्ला साहू आदि किसानों ने भी भरदा- भोथली मार्ग में भारतमाला सडक़ परियोजना के ठेकेदार की लापरवाही इस इलाके की 20-25 एकड़ फसल खराब होने की शिकायत की थी। इसके अलावा अन्य कई गाँव के लोग भी नई सडक़ से अपनी परेशानी बता चुके हैं। लेकिन संबंधित निर्माण एजेंसी इस पर कोई कार्यवाही नहीं करती तब उन्हें प्रशासन से गुहार लगाना पड़ता है।