धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 27 मई। समस्या, मांग और शिकायतों के निराकरण के लिए 26 मई को कलेक्टर जनदर्शन लगा। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने जिले के दूर-दराज से आए ग्रामीणों की समस्या व शिकायतें सुनी और उन पर विचार कर निराकरण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
जनदर्शन में नवागांव कचना निवासी राजेश कुमार ने बीते 12 वर्षों से निजी जमीन पर गांव का गंदा पानी छोडऩे के कारण खेती नहीं कर पाने की शिकायत कलेक्टर से की। कलेक्टर ने उक्त प्रकरण पर तत्काल कार्रवाई करते हुए आवेदक के भूमि के पानी को नाली के माध्यम से अन्य स्थान प्रवाहित करने और मौके का निरीक्षण करने के निर्देश अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कुरूद को दिए।
जनदर्शन में कुरूद ब्लॉक के धौराभाठा निवासी मनोज कुमार ने पट्टा भूमि से अवैध कब्जा हटाने के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया। मनोज कुमार ने बताया कि उनके पिता के नाम से 1600 वर्गफीट का पट्टा प्रदान किया गया था, गांव की महिला द्वारा लगभग 19 वर्गफीट में कब्जा कर लिया गया है। गांव वालों के समझाने पर भी वह कब्जा नहीं छोड़ रही है। कलेक्टर ने इस संबंध में एसडीएम कुरूद को जमीन का सही माप करने के निर्देश दिए। जनदर्शन में प्रधानमंत्री आवास, पेंशन, मजदूरी भुगतान आदि से संबंधित कुल 58 आवेदन मिले।
जनदर्शन में लोहरसी निवासी ऐश्वर्या गंगबेर ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए लैपटॉप की मांग की। कलेक्टर ने ऐश्वर्या से उसकी पढ़ाई के बारे में पूछा। ऐश्वर्या ने बताया कि वह सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही है, आगे की पढ़ाई के लिए उसे लैपटॉप की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि उसके पिताजी मूर्ति बनाने का काम करते है और आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह लैपटॉप नहीं खरीद पा रही है। कलेक्टर ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि शासन की योजना के तहत ऐश्वर्या को लैपटॉप प्रदान किया जाए।
रिहायशी इलाके में लग रहा टावर: सदर उत्तर स्थित तिरंगा चौक में मोबाइल टावर लगाने का वार्डवासियों ने विरोध किया। सोमवार को बड़ी संख्या में लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे। वहां अधिकारियों से टावर पर रोक लगाने की मांग की। इसके बाद नगर निगम दफ्तर पहुंचे। महापौर रामू रोहरा और वार्ड पार्षद नीलेश लुनिया से शिकायत की।
वार्ड पार्षद नीलेश लुनिया ने कहा कि नगर निगम ने बिना किसी वैध दस्तावेज के एक निजी दूरसंचार कंपनी को टावर लगाने की अनुमति दे दी। जमीन के कागजात और लैंड यूज की प्रति निगम में जमा नहीं की गई। कोई प्रक्रिया पूरी नहीं हुई। इसके बावजूद अनुमति दे दी गई। वार्डवासियों ने साइड इंजीनियर पर लापरवाही का आरोप लगाया और कार्रवाई की मांग की।