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अहिल्याबाई होल्कर की जन्म शताब्दी पर सिलौटी में गोष्ठी
27-May-2025 4:41 PM
अहिल्याबाई होल्कर की जन्म शताब्दी पर सिलौटी में गोष्ठी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कुरूद, 27 मई। शासकीय महाविद्यालय सिलौटी में अहिल्याबाई  होल्कर की 300वीं जन्मशताब्दी में आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने उन्हें महिला सशक्तिकरण का प्रतिक बताते हुए समाजिक उत्थान में उनके योगदान को याद किया।

भखारा क्षेत्र के ग्राम सिलौटी में आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए जनपद अध्यक्ष गितेश्वरी साहू ने  अहिल्या बाई होलकर की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 1767 से 1795 तक शासन करते हुए  मालवा की रानी अहिल्याबाई होल्कर भारतीय इतिहास में एक महान हस्ती हैं। उनके द्वारा बनवाए गए वास्तुशिल्प प्रगतिशील शासन और उनके द्वारा शुरू किए गए दूरगामी सामाजिक सुधारों के लिए भी जाना जाता है।

अहिल्याबाई के शासनकाल को कल्याण, सामाजिक न्याय, मानव समानता और सतत विकास के लिए एक अटूट प्रतिबद्धता द्वारा चिह्नित किया गया था। जनपद सभापति सिन्धु बैस ने कहा कि 18वीं सदी भारत में एक उथल-पुथल भरा दौर था, जो राजनीतिक विखंडन, आर्थिक चुनौतियों और सामाजिक अशांति से चिह्नित था। इस माहौल में, अहिल्याबाई एक मजबूत और सक्षम नेता के रूप में उभरीं।

 

उन्होंने ऐसी नीतियां स्थापित की जिससे हाशिए के समुदायों का उत्थान हो, शिक्षा को उन्नत किया, स्वास्थ्य सेवा में सुधार किया और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का निर्माण किया, जिसके चलते आर्थिक विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिला। विधायक प्रतिनिधि हरख जैन ने बताया कि अहिल्याबाई की दूरदर्शी नीतियों ने राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को पूर्वाभास कराया। उनका जीवन हमें याद दिलाता है कि सच्चा नेतृत्व केवल सत्ता पर काबिज होने के बारे में नहीं है, बल्कि सबसे कमज़ोर लोगों की रक्षा और उत्थान के बारे में सोचता है। उनके बताये सिधांत पर चलकर हम एक अधिक समतापूर्ण, सहिष्णु और समृद्ध समाज के निर्माण कर सकते हैं। कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किया।


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