दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 29 सितंबर। विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पूरे विश्व में प्रतिवर्ष 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस का आयोजन किया जाता है।
इसकी शुरुआत सन 2007 में पहली बार की गई और उसके पश्चात लगातार प्रतिवर्ष रेबीज दिवस का आयोजन किया जा रहा है। इसका प्रमुख उद्देश्य लोगों में रेबीज के प्रति जागरूकता लाना एवं समय पर इसका इलाज कराया जाना है। रेबीज एक विषाणु जनित घातक बीमारी है,जो मस्तिष्क को प्रभावित करता है। मनुष्य में यह रेबीज पीडि़त जानवर मुख्यत: कुत्ते के काटने एवं अन्य जंगली जानवर के काटने या खरोचने से होता है। रेबीज के लक्षण शुरू होने के पूर्व ही इसका उपचार के द्वारा रेबीज को आसानी से रोका जा सकता है। शासन के द्वारा रेबीज के बचाव हेतु नि:शुल्क टीके सभी स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध कराए गए हैं।
जागरूकता कार्यक्रम के तहत जिला स्तर से शासकीय जी एन एम प्रशिक्षण केंद्र दंतेवाड़ा में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें नियम एवं गायत्री कॉलेज आफ नर्सिंग के छात्र,छात्राओं ने हिस्सा लिया। जिसमें बच्चों के मध्य से रंगोली पेंटिंग एवं नाटक प्रतियोगिता के माध्यम से रेबीज के प्रति जागरूकता का कार्यक्रम किया गया। पेंटिग प्रतियोगिता में गायत्री कॉलेज आफ नर्सिंग के छात्राओं ने बाजी मारी एवं नाट्य प्रतियोगिता में जीएनएम प्रशिक्षण केंद्र के छात्रों ने बाजी मारी। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय बाशा ने छात्र-छात्राओं को रेबीज के प्रति विभिन्न जानकारियां दी।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला स्वास्थ्य अधिकारी एवं नोडल अधिकारी राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम डॉक्टर एस मॉडल, एपिडेमियोलॉजी डॉ सीमा तिग्गा, प्राचार्य शासकीय जीवन प्रशिक्षण केंद्र दीपाली मंडल, मीडिया अधिकारी अंकित सिंह, अनिल हटवार गायत्री कॉलेज आफ नर्सिंग के शिक्षक एवं जीएनएम प्रशिक्षण केंद्र की शिक्षा के स्टाफ मौजूद थे।


