समाज व शासन को आगे आने का किया आह्वान
राजनांदगांव, 21 नवंबर। दिव्यांगजनों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से संस्कार श्रद्धांजलि के तत्वावधान में केंद्र सरकार द्वारा संचालित उपक्रम सीआरसी सेंटर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमे प्रदेश सहित अन्य राज्यों के दिव्यांग प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
सीआरसी के डायरेक्टर कुमार राजू व संस्था अध्यक्ष सतीश भट्टड़ की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में दृष्टिविकास संघ के प्रदेश प्रभारी डीएल देवांगन ने दृष्टिहीनों की समस्याओं पर विस्तार से जानकारी देते बताया कि प्रदेश में स्पेशल डीएड व बीएड प्रशिक्षण केंद्र न होने से यहां के दृष्टिहीन छात्र-छात्राओं को चित्रकूट, देहली सहित दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है। उन्होंने अनाथ दृष्टिहीनों की दुर्दशा व उनके संरक्षण के लिए समाज व शासन का ध्यान आकृष्ट कर मदद हेतु आगे आने को कहा।
नागपुर का लगाना पड़ता है चक्कर
राष्ट्रीय विकलांग अधिकार मंच के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि मिश्रा ने कहा कि दिव्यांगजनों को रेलवे यात्रा कंसेशन के लिए यूनिक आईडी कार्ड बनाने के लिए नागपुर जाना पड़ता है, क्योंकि राजनांदगांव का रेल मंडल नागपुर है। यहां के रेलवे अधिकारियों के सहयोग के अभाव में दिव्यांगजनों को नागपुर का कई चक्कर लगाना पड़ता है। सबसे ज्यादा दिक्कत मानपुर-औंधी व दूर-दराज से आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के दिव्यांगजनों को होती है, इसलिए यह कार्यालय नागपुर से हटाकर रायपुर या बिलासपुर स्थांतरण किया जाना बेहद जरूरी है।
दिव्यांगजनों की दुर्दशा पर जताई चिंता
उड़ीसा विकलांग मंच की सचिव श्रीयारानी देई ने बेरोजगार दिव्यांगजनों की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते कहा कि प्रदेश के बड़े उद्योगपतियों व एजेंसियों से मिलकर दिव्यांगजनों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने हेतु रोजगार मेला आयोजित किया जाना चाहिए। समाजसेविका रूपम सोनक्षत्रा ने मानसिक रूप दिव्यांगों के उपचार व उनके व्यस्थापन के लिए प्रदेश में कोई उचित व्यवस्था करने के साथ ही जिले में 18 वर्ष से ऊपर के मंद बुद्धि बच्चों की शिक्षा व्यवस्था न होने से उनके साथ हो रही समस्या पर ध्यान आकृष्ट कराया। वरिष्ठ अधिवक्ता एजाज सिद्धिकी ने बताया कि सीआरसी सेंटर में दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु केंद्र सरकार द्वारा संचालित कोशल्य विकास के तहत विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
पर बाहर से आए दिव्यांगजनों के लिए सीआरसी सेंटर का खुद का भवन न होने से रुकने व खाने-पीने की व्यवस्था न होने से प्रदेश के दूसरे जिले के दिव्यांगजनों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने संस्कार श्रद्धांजलि के मार्गदर्शन में प्रदेश शासन व जिला प्रशासन से उचित तालमेल कर पूरे प्रदेश की दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहल करने का आश्वासन दिया।
दिए जा रहे उपकरण
सीआरसी के कुमार राजू ने बताया कि उनकी बिल्डिंग का नवनिर्माण तेज गति से चल रहा है । आगामी वर्ष बिल्डिंग के अस्तित्व में आते ही प्रदेश के एकमात्र इस सेंटर में स्पेशल बीएड-डीएड सहित दिव्यांगजनों के लिए बहुत सारी प्रस्तावित योजना प्रारंभ हो जाएगी। वर्तमान में दिव्यांगजनो के लिए पूर्णवास चिकित्सा थैरेपी, दृष्टि दिव्यांग को ब्रैल व चलिसनुता प्रशिक्षण, कृत्रिम हाथ-पाव निर्माण एवं आत्मनिर्भर बनाने हेतु रोजगार शिक्षण के साथ दिव्यांगजनों की जरूरत के उपकरण दिए जा रहे हैं।
दृष्टिहीन सम्मेलन 3 जनवरी से
संस्था अध्यक्ष सतीश भट्टड ने कार्यशाला में मिले सभी प्रस्ताव को शीघ्रता से पूरा करने के प्रयास का आश्वाशन दिया व आगामी 3 व 4 जनवरी 2023 को राजनादगांव में होने वाले दृष्टिहीन सम्मेलन को सफल बनाने की अपील की। इस अवसर सीआरसी सेंटर के प्रसादी कुमार महतो, रंजन बिसवाल, सौम्या रंजन, आशीष परमार, सुधा पवार, नरेंद्र तायवाडे, पदमा साहू, सुधा देवांगन, अनिरुद्ध साहू सहित संस्कार श्रद्धांजलि के सदस्यगण सहित प्रदेश से आए दिव्यांगजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।