सडक़ पर स्वागत द्वार व विद्युत झालरों ने बिगाड़ी व्यवस्था
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 16 अक्टूबर। कम चौड़ी सडक़ों और संकरी गलियों वाले रायगढ़ शहर में त्यौहारों का मौसम उत्सव की खुशियों के साथ-साथ जगह-जगह जाम जैसी समस्या भी लेकर आता है। ऐन त्यौहार के समय कार निकालने और कार में घुमने की परंपरा इस समस्या को और विकराल बना देती है।
इस बार तो वीआईपी दर्शन और सडक़ों पर बने प्रवेश द्वार व विद्युत झालरों की श्रृंखला ने भी पूरे चार दिन श्रद्धालुओं और दर्शन करने के लिये निकलने वाले शहर वासियों को अच्छा खासा परेशान किया। नवरात्रि के दौरान इस बार आई समस्याओं ने एक बार फिर रिंग रोड या शहर के भीतर रायपुर-संबलपुर की तर्ज पर फ्लाई ओवर ब्रिज की जरूरत रेखांकित किया है। सवाल यह उठता है कि क्या हमारे रायगढ़ विधायक व मंत्री शहर की इस भावी जरूरत पर कोई पहल करेंगे।
शारदेय नवरात्र और विजयदशमी पर्व को अपूर्व उत्साह और उमंग के साथ पूरी श्रद्धा से मनाने की रायगढ़ की सुदीर्ध परंपरा रही है। एक तरफ जहां नवरात्रि के दौरान देवी मंदिरों में भक्तों का जमावड़ा जुटता है, तो दूसरी ओर षष्टी से लेकर विजयादशमी दशहरा तक शहर के भीतर कई सार्वजनिक स्थानों पर बने भव्य पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमा दर्शन के लिये पूरा शहर ही उमड़ पड़ता है।
दुर्गा समितियों द्वारा भव्य पंडाल की सजावट के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र को भी विद्युत झालरों से सजाकर जगमगा दिया जाता है। जिसके कारण इन दिनों में ऐसा लगता है मानो मां दुर्गा के स्वागत में पूरा शहर ही विद्युत झालरों से सज गया है।
मगर इन त्यौहारों के दौरान हमारे शहर की संकरी सडक़ें और गलियां राहगीरों और शहरवासियों के लिये मुसीबत का बायस भी बन जाती है। यातायात और पुलिस महकमे की तमाम कोशिशों के बावजूद जगह-जगह जाम और भीड़भाड़ वाले इलाके से निकलने के लिये लोगों को घंटों इंतजार और जद्दोजहद करना पड़ता है। इस बार भी नवरात्रि पर्व और खासकर षष्टमी से लेकर दशहरा तक चार दिनों के दौरान शहर के भीतर कुछ इसी तरह की समस्याओं का श्रद्धालुओं को सामना करना पड़ा।
शारदेय नवरात्र के दौरान हटरी चौक, गौरीशंकर मंदिर रोड, घड़ी चौक, थाना रोड़ आदि कई स्थानों पर सडक़ के उपर स्वागत द्वार और उसके भीतर झालर की व्यवस्था करने के कारण सडक़ें और संकरी हो गई तथा लोगों को आवाजाही के लिये भारी मशक्कत करनी पड़ी। हंडी चौक में तो स्वागत द्वार के भीतर बड़े-बड़े झालर लगने के कारण लोगों को भीड़ से निकलने में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। अव्यवस्थित गाड़ी पार्किंग के कारण मजार के सामने हल्के चार पहिया वाहनों की लंबी कतार लगने के कारण ट्रैफिक सिपाही जहां जाम हटाने में पसीना बहाते दिखे तो इसके बावजूद अष्टमी और नवमी सहित दशहरे के दिन यहां लोग घंटों जाम की समस्या से जूझते रहे। दरअसल ऐन त्यौहार के समय हमारे शहर के लोगों द्वारा कार निकालकर तफरीह करने की परंपरा के चलते कई स्थानों पर लोगों को जाम की समस्या से जुझना पड़ा तो वहीं कार सवार भी खासे परेशान रहे और उन्हें जाम से निकलने के लिये घंटों इंतजार करना पड़ा।
ज्ञात हो कि त्यौहार के समय में निकलने वाले इन भारी भरकम कारों में बमुश्किल एक या दो रसूखदार लोग ही बैठे होते हैं जबकि इस कार से करीब 12गुना पांच की जगह घेर ली जाती है। वैसे भी ऐसी कारों में पांच से आठ लोगों की बैठने की व्यवस्था होती है। जो चंद लोगों के चलते अधिक जगह घेरती है और जाम की समस्या का प्रमुख कारण बनती है। अब यह तो कार मालिक ही समझे की ऐन त्यौहारों के समय में कार निकालने की उनकी सोच कहां तक सही है।
यही नहीं ऐन भीड़भाड़ वाले समय पर हमारे रायगढ़ के विधायक और मंत्री का दर्शनलाभ भी खासकर गौरीशंकर मंदिर रोड और रामनिवास टाकीज रोड में लोगों के लिये समस्या लेकर आया। इन स्थानों पर मंत्री के आगमन के चलते जहां पुलिस व ट्रैफिक महकमा उनकी सुरक्षा और व्यवस्था में वीआईपी ड्यूटी पर लगा रहा तो दूसरी ओर दर्शन करने के लिये इन मार्गों से गुजरने वाले श्रद्धालुओं को इसी वजह से जाम की समस्या से जुझना पड़ा।
जबकि इसके समय में परिवर्तन करके इस समस्या को कम से कम किया जा सकता था। मंत्री अगर चाहते तो रात 11 बजे के बाद भी हो सके तो सभी देवी पंडालों में पहुंचकर दर्शन का लाभ उठा सकते थे।
इसी तरह दशहरा पर्व के दिन शहर के प्रमुख तीन स्थानों पर आयोजित हुए रावण दहन कार्यक्रम में भी अलग-अलग समय होने के कारण लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर दुपहिया व चार पहिया वाहनों पर दौड़ लगाते देखा गया।