कोरोना के मामले बढऩे से लॉकडाउन की आशंका से जमाखोरी शुरू
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सरसींवा, 9 जनवरी। छत्तीसगढ़ में भी कोरोना के बढ़ते मामले एवं कुछ जिलों में स्कूलों के बंद होने की खबर पर पुन: लॉक डाउन की आशंका के बीच बाजार में जमाखोर एवं काला बाजारी का कारोबार करने वाले लोग बहुत सक्रिय हो गए हैं, जिससे सरसींवा अंचल में रातों रात राशन सामग्री, गुटका एवं गुड़ाखु का भाव बढऩे लग गया है।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक का फैसले 4 प्रतिशत कोरोना की शिकायत मिलने वाले जिले में स्कूल, आंगनबाड़ी बंद एवं नाइट कफ्र्यू के फैसले के बाद राशन सामग्री, गुड़ाखू बीड़ी, सिगरेट, गुटका एवं पान मसाला के व्यापारियों ने सामानों की कीमत बढ़ा दी है। जिससे आम उपभोक्ताओं में भारी नाराजगी व्याप्त हो गई है और उपभोक्ता भी बाद में सामानों का किल्लत न हो सोचकर खरीदना शुरू कर दिए हैं ।
क्षेत्रीय विधायक एवं संसदीय सचिव चंद्रदेव रॉय ने कलेक्टर बलौदाबाजार से बात कर ऐसे जमाखोर व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिए हैं जो कि इस विपत्ति आपदा के समय को अवसर के रूप में परिवर्तित कर आम जनता के सहयोग करने के बजाए मुनाफाखोरी में लग गए हैं। वही विधायक श्री रॉय ने आम जनता से अपील की है कि वे जमाखोरों के झांसे में न आवे क्योंकि छत्तीसगढ़ में किसी भी प्रकार के खाद्य सामानों की किल्लत नहीं है और न ही वर्तमान में छत्तीसगढ़ में लॉक डाउन की स्थिति है बशर्ते हमें सावधानी बरतना जरूरी है, यदि आज भी हम लापरवाह है तो आने वाले समय में इस संकट से निपटना बहुत ही कठिन हो जायेगा।
ज्ञात हो कि सरसींवा बलौदाबाजार जिले का अंतिम छोर होने के साथ एक बड़ा व्यापारिक केंद्र है । अभी सारंगढ़ जिला अस्तित्व में नहीं आया है। जिले का अंतिम छोर होने के कारण यहाँ कभी कोई आधिकारिक कार्रवाई नहीं हो पाती, जिससे यहाँ के कुछ मुनाफाखोर व्यापारियों का हौसला और भी बुलंद है। व्यापारियों को किसी भी तरह का भय नहीं, यहाँ वर्तमान में वृहद रूप से जमाखोरी और मुनाफाखोरी फल फूल रहा है। मार्केट में अभी से नशीली पदार्थों का रेट बढ़ाकर बेचा जा रहा है और बड़ी मात्रा में यहाँ के मुनाफाखोर गुटका, गुड़ाखु, सिगरेट, बीड़ी पानमसाला जैसे समानो को जाम करने में जुट चुके है । सरसींवा में मुनाफाखोरी कुछ ऐसी है कि 5 रु में मिलने वाली गुड़ाखू 25 रुपए में बिक रही, सिगरेट जो 60 रु में मिलती थी वो 70 से 80 रु पैकेट हो चुकी। आज क्षेत्र में राशन सामग्रियों का दाम आसमान छूने लगा है। खाने के तेल ट्रक ट्रक मंगा कर जाम कर अत्यधिक दामों में बेचा जा रहा है, खाद्य सामग्रियों के मूल्य आसमान छूने लगे है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो आपदा को अवसर में तब्दील करने के जद्दोजहत में मुनाफाखोर व्यापारी तन मन धन से जुट चुके है, जिसका असर आम आदमी के जेब पर सीधे पड़ रहा है। आम जनता करे तो भी क्या करे दैनिक उपयोगी वस्तुओं को मजबूरन अत्यधिक दामो में खरीद रहे है, वहीं मुनाफाखोर आपदा को अवसर में बदल कर अपनी जेब भरने में मदमस्त है ।